हमारी आंखें शरीर में मौजूद सबसे जटिल अंगों में से एक होती है जिसके सुचारू फंक्शन के लिए कई अलग अलग विटामिन और पोषक तत्वों की जरूरत होती है.

सबसे आम कंडीशन जैसे डायबिटीक रेटिनोपैथी, आयु संबंधी मैकुलर डिजनरेशन, ग्लूकोमा और मोतियाबिंद आदि आंखों को प्रभावित कर सकती है.

हालांकि, इन कंडीशन के हो जाने के कई कारण और पोषक तत्वों की कमी आदि हो सकते है. आज इस लेख में हम आपको बताने वाले है आंखों के लिए ऐसे ही जरूरी विटामिन और मिनरल जिनकी मदद से आंखों को हेल्दी रखा जा सकता है.

आंखों के लिए जरूरी विटामिन – vitamins for eyes in hindi

विटामिन ए

  • आंखों की दृष्टि को अच्छा रखने में विटामिन ए का बहुत बड़ा योगदान होता है.
  • विटामिन ए हमारी आंखों की बाहर वाली कवरिंग – कॉर्निया को साफ रखने में मदद करते है.
  • यह रोहडोपसिन नाम के प्रोटीन तत्व से भरपूर होता है जिसकी मदद से आंखों को कम रोशनी में देखने में मदद मिलती है.
  • विटामिन ए की कमी होने पर गंभीर स्वास्थ समस्या का रिस्क रहता है. जिसमें से एक अंधापन है.
  • इसकी कमी रहने से आंखों में सूखापन रहता है जिसके लंबे समय तक रहने पर कॉर्निया सॉफ्ट हो जाता है और अंधापन होने लगता है.
  • नियमित विटामिन ए की डाइट लेने से आंखों की दूसरी समस्याओं से भी बचा जा सकता है.
  • आंखों के स्वास्थ के लिए विटामिन ए फ़ू़ड्स खाने चाहिए जिसमें शकरकंद, हरी पत्तेदार सब्जियाँ, कद्दू के बीज आदि शामिल है.

विटामिन बी6, बी9 और बी12

  • रिसर्च करने वाले लोगों द्वारा आंखों की हेल्थ पर बी-विटामिन (बी6, बी9, बी12) के कई प्रभाव देखे गए है.
  • विटामिन के यह प्रकार शरीर में इंफ्लामेशन के कारण वाले तत्वों को कम करते है.
  • इसके लिए विटामिन बी की अच्छी मात्रा वाले फ़ूड्स खाने चाहिए.

विटामिन सी

  • विटामिन ई की ही तरह विटामिन सी भी हमारी आंखों के लिए बहुत जरूरी एंटीऑक्सीडेंट होता है जो इन्हें मुक्त कणों के कारण होने वाले नुकसान से बचाता है.
  • विटामिन सी की जरूरत कोलेजन बनाने के लिए होती है जो एक प्रकार का प्रोटीन होती है.
  • कोलेजन की जरूरत आंखों में कॉर्निया और आंखों के सफेद भाग की संरचना के लिए होता है.
  • कुछ अध्ययनों के अनुसार, विटामिन सी हमारे आंखों में मोतियाबिंद के रिस्क को कम करता है.
  • मोतियाबिंद एक ऐसी कंडीशन है जिसके कारण आंखें में क्लाउडी और दृष्टि की समस्या हो जाती है.
  • हाई मात्रा में विटामिन सी फ़ूड्स खाने से आंखों की समस्या का रिस्क कम किया जा सकता है.
  • इसके लिए सिट्रस और ट्रॉपिकल फ्रूट्स समेत मिर्च, ब्रोकोली, काले आदि अच्छे विटामिन सी विकल्प है.

विटामिन ई

  • ऐसा माना जाता है कि काफी सारी कंडीशन ऑक्सीडेटिव तनाव से जुड़ी होती है.
  • ऑक्सीडेटिव तनाव हमारे शरीर में होने वाला एंटीऑक्सीडेंट और फ्री रेडिकल्स के बीच का असंतुलन है.
  • विटामिन ई अपने आप में एंटीऑक्सीडेंट होता है जो सेल्स को नुकसान होने से बचाता है.
  • इसके अलावा विटामिन ई फ़ूड्स की डाइट लेने से आयु संबंधी मोतियाबिंद की समस्या से बचाव होता है.
  • सही विटामिन ई डाइट लेने से आंखों की हेल्थ को बनाए रखने में मदद मिलती है.
  • विटामिन ई के ऑप्शन में नट्स, बीज और कुकिंग ऑयल शामिल है.
  • एवोकाडो समेत हरी सब्जियां इसकी अच्छी सोर्स होती है.

थायमिन

  • इसे विटामिन बी1 भी कहा जाता है जो सेल्स के ठीक से फंक्शन करने और भोजन को एनर्जी में बदलने के लिए जरूरी होता है.
  • साथ ही यह मोतियाबिंद के रिस्क को कम करने में प्रभावी है.
  • थायमिन की फ़ूड सोर्स में पूर्ण अनाज, मांस, मछली आदि होते है. जिन्हें नाश्ते में पास्ता, ब्रेड के साथ लिया जा सकता है.

रिबोफ्लेविन

  • आंखों की हेल्थ के लिए रिबोफ्लेविन (विटामिन बी2) भी जरूरी होता है.
  • एंटीऑक्सीडेंट के रूप में रिबोफ्लेविन शरीर में ऑक्सीडेंटिव तनाव को कम करने में मदद करते है.
  • रिबोफ्लेविन की कमी रहने पर मोतियाबिंद हो सकता है.
  • वही इसकी नियमित डाइट से मोतियाबिंद का रिस्क कम हो जाता है.
  • रिबोफ्लेविन की अच्छी मात्रा वाले फ़ूड्स जैसे ओट्स, दूध, दही आदि होते है.

नियासिन

  • नियासिन को विटामिन बी3 भी कहा जाता है. जो शरीर में फ़ूड को एनर्जी में बदलने में मदद करता है.
  • यह एंटीऑक्सीडेंट के रूप में भी काम करता है.
  • हाल ही के अध्ययनों में देखा गया है कि नियासिन का काम ग्लूकोमा से बचाव होता है.
  • ग्लूकोमा एक ऐसी कंडीशन है जिसमें आंखों की ऑप्टीक नर्व डैमेज हो जाती है.
  • जानवरों पर हुए अध्ययनों में देखा गया है कि नियासिन की हाई डोज़ लेने से ग्लूकोमा से बचाव होता है.
  • नियासिन सप्लीमेंट को सावधानी के साथ लिया जाना चाहिए.
  • ज्यादा मात्रा में सेवन करने से कॉर्निया की इंफ्लामेशन, मैकुलर डिजनरेशन, धुंधली दृष्टि जैसी समस्या हो सकती है.
  • नियासिन की अच्छी मात्रा वाले फ़ूड्स में मशरूम, मूंगफली और दाल शामिल है.

ओमेगा-3 फैटी एसिड

  • ओमेगा-3 फैटी एसिड एक प्रकार का पॉलीअनसैचुरेटिड फैट होता है.
  • आंखों में रेटिना के सेल मेमब्रेन में अच्छी मात्रा में डीएचए होता है जो एक प्रकार का ओमेगा-3 होता है.
  • आंखों के सेल्स बनाने के अलावा ओमेगा-3 में एंटी इंफ्लामेटरी गुण होते है जो डायबिटीक रेटिनपैथी से बचाव करने में मदद करते है.
  • आंखों में सूखापन रहने वाले लोगों के लिए ओमेगा-3 काफी लाभ देता है.
  • वहीं आंखों में ड्राईनेस रहने से असहजता, कभी कभी धुंधली दृष्टि हो सकती है.
  • ओमेगा-3 का सेवन करने के लिए कॉड लिवर ऑयल, अलसी के बीज, चिया सीड्स, सोया और नट्स शामिल है.

अंत में

रिसर्च के अनुसार कुछ विटामिन और पोषक तत्व का सेवन करने से आंखों की समस्या से बचाव या धीमा किया जा सकता है. अगर आपको लगता है कि आप डाइट में जरूरी विटामिन नही ले पा रहे है तो इसके सप्लीमेंट कई लाभ दे सकते है.

हालांकि, फल, सब्जियों, पूर्ण अनाज, प्रोटीन और हेल्दी फैट के साथ संतुलित आहार खाने से आंखों और पूरे स्वास्थ को जरूरी पोषक तत्व मिल जाते है.

References –

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