चेहरे के रंग में बदलाव होना एक आम प्रक्रिया है. समय के साथ कुछ लोगों के चेहरे पर लाल एक्ने पैच आदि होना, जबकि अन्य के चेहरे पर डार्क ऐज स्पॉट विकसित हो सकते है.
लेकिन चेहरे या स्किन के अन्य हिस्सों पर सफेद प्रकार के त्वचा रंग का बदलाव आपको चिंतित कर सकता है. काफी सारे मामलों में यह सफेद धब्बे चेहरे पर बड़े होने के अलावा शरीर के दूसरे हिस्सों तक फैल जाते है.
इसके अलावा कुछ निम्न कंडीशन ऐसी होती है जिनके कारण चेहरे पर सफेद स्पॉट हो सकते है और आमतौर पर यह चिंता के कारण नही होती है. आज इस लेख में हम आपको बताने वाले है चेहरे के सफेद स्पॉट के कारण से जुड़ी जानकारी –
चेहरे पर सफेद दाग के कारण – What causes white spots on face in hindi?
विटिलिगो
- पिगमेंटेशन के लॉस के कारण विटिलिगो नाम का डिस्ऑर्डर हो सकता है. (जानें – साफ त्वचा के लिए घरेलू टिप्स)
- यह स्किन पैच शरीर पर कही भी हो सकते है जैसे चेहरे, हाथ, जनानंग, पैर आदि.
- शुरूआत में यह सफेद पैच छोटे होते है और धीरे धीरे बढ़कर शरीर के बड़े हिस्सों पर हो जाते है.
- हालांकि, सफेद स्पॉट फैलना बहुत कम मामलों में होता है.
- विटिलिगो का रिस्क इसकी फैमिली हिस्ट्री होने पर होता है.
- कंडीशन की गंभीरता के अनुरूप इसका उपचार किया जाता है.
- इसके उपचार में डॉक्टर आपको अल्ट्रावॉयलेट थेरेपी, ओरल दवाएं, टॉपिकल क्रीम दे सकते है जिससे स्किन के रंग को ठीक करने के साथ साथ सफेद पैच फैलने से रोका जा सके.
- सफेद पैच से छुटकारा पाने के लिए स्किन ग्राफ्ट भी काफी प्रभावी है.
- इसे करने के लिए डॉक्टर आपकी एक हिस्से की स्किन को हटाकर दूसरे हिस्से में लगा देंगे.
मिलिया
- चेहरे पर होने वाली सफेद फुंसियों को मिलिया कहा जाता है.
- इसके होने का कारण स्किन के नीचे केराटिन के जमा होने के कारण होता है.
- इस कारण स्किन पर सफेद रंग का सिस्ट (फुंसी) हो जाता है.
- स्किन की बाहरी परत को बनने वाले प्रोटीन को केराटिन कहा जाता है.
- अधिकतर मामलों में यह कंडीशन बच्चों और व्यस्कों के अलावा नवजात शिशुओं में देखी जाती है. (बच्चों को क्यों हो जाती है हैंड फूट और माउथ डीजीज – अधिक जानने के लिए क्लिक करें)
- जबकि केराटिन के कारण होने वाली सफेद फुंसियों को प्राइमरी मिलिया कहा जाता है.
- हालांकि यह छोटी सफेद फुंसियां स्किन पर सन बर्न, छाले आदि के कारण भी हो सकते है.
- टॉपिकल स्टेरॉइड क्रीम के उपयोग के कारण भी सफेद फुंसियां हो सकती है.
- मिलिया (सफेद फुंसियां) गाल, नाक, माथे और आंखों के आसपास हो सकते है.
- कुछ लोगों को मुँह में सफेद फुंसियां हो सकती है जिनमें कोई दर्द आदि नही होता और बिना उपचार के कुछ हफ्तों में ठीक हो जाती है.
- अगर आपकी कंडीशन कुछ हफ्तों में ठीक नही होती है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.
पिटिरियासिस अल्बा
- यह एक प्रकार का एक्ज़िमा होता है जिसके कारण त्वचा पर पपड़ी पड़ना, ओवर पैच जिसमें सफेद स्किन दिखती है.
- पिटिरियासिस अल्बा के होने के कारण साफ नही है लेकिन यह एटॉपिक डर्मेटाइटिस में दिखती है.
- इसे सूरज के एक्सपोजर यीस्ट के कारण होने वाले हाइपोपिगमेंटेशन से जोड़ा जाता है.
- पिटिरियासिस अल्बा अपने आप कुछ महिनों में ठीक हो जाता है, लेकिन मलिनकिरण तीन साल तक रह सकता है.
- लक्षण दिखने पर ड्राई स्पॉट के ऊपर मॉइस्चराइजर क्रीम को लगाया जा सकता है.
- जिससे खुजली या लाल होने में आराम मिल सके.
टीनिया वर्सिकोलर
- यीस्ट की ओवरग्रोथ के कारण होने वाले स्किन डिसऑर्डर को टीनिया वर्सिकोलर कहा जाता है.
- यीस्ट एक सामान्य प्रकार की स्किन पर होने वाली फंगस होती है जिससे रैश हो सकता है.
- टीनिया वर्सिकोलर स्पॉट स्कैली, ड्राई होने के अलावा अलग रंग के हो सकते है.
- टीनिया वर्सिकोलर से ग्रसित लोग पिंक, लाल, ब्राउन या सफेद स्पॉट विकसित करते है.
- त्वचा का रंग हल्का होने पर सफेद स्पॉट नोटिस नही होते है.
- यह स्किन डिसऑर्डर उमस वाले मौसम में रहने वाले लोगों को प्रभावित करते है.
- इसके अलावा ऑयली स्किन या खराब इम्यून सिस्टम वाले लोगों में टीनिया वर्सिकोलर होने के मौके अधिक होते है.
- यीस्ट की ओवरग्रोथ के कारण टीनिया वर्सिकोलर होती है इसलिए इलाज के लिए एंटीफंगल दवाएं आदि दी जाती है.
- इसका इलाज करने के लिए किसी भी दवा, शैम्पू, साबुन, क्रीम आदि का प्रयोग करने से पहले डॉक्टर से बात कर सलाह ली जानी चाहिए.
- फंगस के कंट्रोल में आने पर सफेद पैच अपने आप ठीक हो जाते है.
- इसे ठीक होने और स्किन के वापस सामान्य रंग में आने के लिए हफ्ते या महीने लग सकते है.
- बिना सही उपचार के यह कंडीशन वापस हो सकती है.
(स्किन रैश क्या होता है, इसके कारण, कब मदद लें, क्या उम्मीद रखें और अगले स्टेप्स)
टीनिया वर्सिकोलर और प्रेगनेंसी
- गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के शरीर में काफी सारे बदलाव आते है जिसमें से एक स्किन है.
- डार्क स्पॉट के साथ साथ स्ट्रैच मार्क, एक्ने विकसित हो सकते है.
- जबकि कुछ गर्भवती महिलाओं को टीनिया वर्सिकोलर हो सकता है.
- हार्मोन लेवल सामान्य होने पर स्किन का रंग पहले जैसा हो जाता है.
- अगर आप चाहती है कि स्पॉट आदि न रहें तो डॉक्टर से बात कर उचित उपचार लिया जाना चाहिए.
सन स्पॉट
- स्किन पर लंबे समय तक यूवी किरणों के संपर्क में आने के कारण सफेद स्पॉट बन सकते है.
- सफेद स्पॉट के नंबर अलग होने के साथ आकार भी अलग हो सकते है.
- यह स्पॉट चेहरे, हाथ, कमर, पैर आदि पर हो सकते है.
- जिन लोगों के चेहरे का रंग साफ होता है उनकी स्किन पर यह जल्दी से दिखते है.
- सन स्पॉट के रिस्क आयु के साथ बढ़ते है.
- पुरूषों की तुलना में महिलाएं इन स्पॉट्स को जल्दी से विकसित करती है.
- यूवी किरणों के कारण होने वाले एक्सपोजर को कम करने के लिए सनस्क्रीन का उपयोग किया जा सकता है.
- साथ ही इससे नए स्पॉट को बनने से रोका जा सकता है.
अंत में
स्किन पर अधिक सफेद स्पॉट का कोई बड़ा कारण नही होता है. लेकिन सफेद स्पॉट के फैलने या घरेलू उपचार का कोई असर नही होने, कोई अन्य समस्या महसूस होने पर तुरंत डॉक्टर से बात कर सलाह ली जानी चाहिए.
(स्किन के लिए टामटर होता है बहुत फायदेमंद – अधिक जानने के लिए क्लिक करें)
FAQS – चेहरे पर सफेद धब्बे होना – White spots on face in hindi
सफेद दाग में कौन सा साबुन लगाना चाहिए?
- नीम की पत्तियों से बने साबुन का उपयोग कर सकते है.
- नीम तेल का उपयोग भी लाभ देता है.
शरीर में सफेद दाग क्यों हो जाते हैं?
- इसका कारण इम्यून सिस्टम का विपरित रूप से कार्य करना होता है.
- जिस कारण स्किन को रंग देने वाले सेल्स कम या खत्म होकर जगह जगह पर सफेद धब्बे दिखने लगते है.
सफेद दाग में कौन सा फल खाएं?
- साबुत अनाज
- अरहर
- मूंग
- अदरक
- सौंफ
- हींग
- अनार
- नींबू
- परवल
- लौकी
- करेला
- तोरई
- टिंडा
- शहद
- लहसुन
सफेद दाग के लक्षण क्या है?
- स्किन के रंग में बदलाव
- कहीं चोट लगने पर निशान के सफेद हो जाना
- काफी सारे लोगों को यह खुजली के साथ भी शरीर के दूसरे हिस्सों तक फैलने लगता है.
- प्रभावित जगह के बाल सफेद होने लगते है.
References –
- mayoclinic.org/diseases-conditions/milia/basics/definition/con-20033921
- uclahealth.org/dermatology/tinea-versicolor
- niams.nih.gov/health_info/vitiligo/vitiligo_ff.asp