आज के समय में अनेक प्रकार के रोग देखने को मिलते है जिसमें से एक थायराइड भी है. रोगों का इलाज करने के लिए योग सबसे बेहतर विकल्पों में से एक हो सकता है. इस लेख में जानेंगे थायराइड के लिए कौन से योग रहते है बेहतर?

थायराइड के लिए योग – Yoga for thyroid in hindi

हलासन

  • इसके लिए सबसे पहले फ्लोर पर मैट को बिछा लें.
  • फिर कमर के बल लेट जाए.
  • हाथों के माध्यम से लोवर बैक को सपोर्ट देते हुए पैरों को 90 डिग्री तक लेकर जाएं.
  • इसके बाद धीरे धीरे पैरो को अपने सिर पर तरफ लाएं.
  • इस दौरान अपनी कमर को हाथों से सपोर्ट दें.
  • हलासन को शुरूआत में करने पर कमर पर हाथ रखने की जरूरत पड़ सकती है.
  • जिसे समय के साथ अभ्यास हो जाने पर हाथ के बिना सपोर्ट के भी किया जा सकता है.

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उष्ट्रासन

  • इसके लिए मैट पर घुटनों पर खड़े हो जाए.
  • खड़े होने पर घुटने, हिप्स और कंधे एक लाइन में होने चाहिए.
  • हाथों को स्पाइन के बेस पर रखकर चेहरे को नीचे की तरफ रखते हुए.
  • एक एक करके हाथों को कमर पर लेकर जाएं और सिर पर पीछे की तरफ लेकर जाएं.
  • सिर को पीछे की तरफ उतना झुकाएं कि आप सहज रह सकें.
  • लचीलापन होने पर आप हाथों को कमर पर न रखकर एड़ियों को भी होल्ड कर सकते है.
  • हाथों को वापस लेकर आए और रिलैक्स करने के लिए बालासन का उपयोग कर सकते है.

मार्जरी आसन

  • इसके लिए आगे की ओर झुककर हाथों और घुटनों पर खड़े हो जाएं.
  • इसके बाद अपने कमर के हिस्से को आगे और पीछे की ओर मूव करें.
  • सांस भरते हुए पीछे की ओर और सांस छोड़ते हुए आगे की ओर आ सकते है.
  • इसके अलावा ऊपर की ओर देखकर गर्दन और गले को मजबूत किया जा सकता है.
  • सांस को छोड़ने और लेने के दौरान ही चिन को चेस्ट से छुआ और पीछे की ओर किया जा सकता है. 

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नौकासन

  • मैट पर पैरों को आगे की ओर फैलाकर बैठ जाए.
  • अपने कंधो के लेवल पर हाथों को सामने की ओर रखें.
  • इसके बाद घुटनों को मोड़ कर हाथों के नीचे लाया जा सकता है.
  • कमर को सीधे रखते हुए पैरो को सामने की ओर उठाए.
  • नितंबू पर संतुलन बनाते हुए इसे किया जा सकता है.
  • इसके आसन में पैरों को उठाने के दौरान जितना हो सके उतना सीधा करें.
  • अपने पैरों के अंगूठो को उठाते समय आंखों के स्तर तक लेकर आएं.
  • इस आसन में आप 1 मिनट तक रह सकते है. 

मत्स्यासन

  • मैट पर नितंबू के बल बैठ कर पैरों को सामने की ओर रखें.
  • इसके बाद अपनी कमर को ऊठाकर कोहनी को नीचे रखकर चेस्ट को ऊपर की तरफ ओपन करें.
  • इसी प्रक्रिया को बार बार दोहराना है.

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विपरित करनी

  • इसके लिए मैट पर कमर के बल लेट जाएं.
  • हिप्स के नीचे हाथों को रखकर पैरो को ऊपर की तरफ 90 डिग्री तक लेकर जाएं.
  • अपनी सुविधा अनुसार पैरों को बिना मोड़े ज्यादा से ज्यादा ऊपर लेकर जाएं.
  • अगर सामान्य रूप से इस आसन को करने में समस्या होती है तो इसे दिवार के पास भी किया जा सकता है.
  • इसे आप रेपिटेशन के रूप में या 20 मिनट अधिकतम समय तक इस पोजीशन में रह सकते है.
  • इस आसन को बहुत सारे तरीके जैसे पैरो को खोलना या मोडकर ऊपर उठाना, आदि तरीकों से भी किया जा सकता है.

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सर्वांगासन

  • इसके लिए फ्लोर पर मैट को बिछा लें.
  • पीठ के बल लेट जाएं.
  • इसके बाद लोवर बैक के नीचे दोनों हाथों को लगाए और इसे ऊपर की ओर उठाएं.
  • जिसके बाद पैरों को धीरे धीरे ऊपर की ओर लेकर जाएं.
  • हवा में पैरो को संतुलित करें.
  • अपने कंधे, रीढ और नितंबू को एक लाइन में रखने की कोशिश करें.
  • ऐसा करने पर आपकी चिन (ढोड़ी) आपके चेस्ट पर छुएगी.
  • जितना हो सके अपनी गर्दन को एक ही पोजीशन में रखें.
  • धीरे धीरे से पैरो को नीचे लाते हुए सामान्य पोजीशन में आए.
  • इसके अलावा जब भी पैरो को उठाकर ऊपर ले जाए तो 90 डीग्री के एंगल पर लेकर जाए.
  • नीचे लाते समय सांस को छोड़ते हुए आ सकते है.

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क्या थायराइड में योग उपयोगी होता है?

  • योग करने के कई फायदे होते है जिसमें संपूर्ण हेल्थ और समग्रता को बेहतर करना शामिल है.
  • इससे एनर्जी को संतुलित करने, लचीलापन बेहतर करने समेत तनाव को कम करना शामिल है.
  • ऐसा कई रिसर्च में देखने को मिला है कि हाइपरथायराइडिज्म और तनाव के बीच कनेक्शन है.
  • जिन्हें योग के माध्यम से अंडरएक्टिव या ओवरएक्टिव होने पर संतुलित किया जा सकता है.
  • कई सारे अध्ययनो में योग के थायराइड फंक्शन को बेहतर करने वाले प्रभाव देखने को मिले है.
  • याद रखें कि यह योग और आसन थायराइड असंतुलन को पूरी तरह से रोग मुक्त नहीं करते है.
  • योग समेत आयुर्वेद को थायराइड के लिए वैकल्पिक उपचार के रूप में उपयोग किया जाता है.
  • योग को सीखने के लिए किसी पेशेवर योग शिक्षक से मदद लें.

अंत में

थायराइड के मामलों में ऊपर बताए गए योग को लाइफस्टाइल में शामिल करने से लाभ मिलता है. योग करते समय आप बहुत सारी वेरियेशन को सीख सकते है. हमेशा कुछ भी नया अभ्यास हल्का हल्का शुरू करें जिसे बाद में समय के साथ बेहतर किया जा सकता है.

(योग करने के होते है बहुत सारे फायदे – अधिक जानकारी के लिए क्लिक करें)

References –

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