इस लेख में आप जानेंगे शिलाजीत क्या होता है, इसके फायदे, नुकसान और इस्तेमाल करने का तरीका –

शिलाजीत क्या होता है – what is shilajit in hindi

  • हिमालय में पाए जाने वाली जड़ी बूटियों में से एक शिलाजीत का उपयोग भारत में प्राचीन काल से कई उपचारों में किया जाता रहा है.
  • इसका सबसे अधिक उपयोग आयुर्वेदिक दवाओं में होता आ रहा है. यह प्रभावी होने के अलावा हमारे पूर्ण स्वास्थ के लिए काफी सुरक्षित भी होता है.

शिलाजीत के फायदे क्या होते है – what are the benefits of shilajit in hindi

क्रोनिक थकान के लिए

  • यह लंबे समय रहने वाली कंडीशन है जिसमें बहुत ज्यादा थकान होती है.
  • इस कंडीशन के होने पर रोज़मर्रा के काम कर पाना बहुत मुश्किल हो जाता है.
  • शोधकर्ताओं के अनुसार, शिलाजीत सप्लीमेंट लेने से थकान के लक्षण कम होने के अलावा एनर्जी फिर से रिस्टोर होती है.
  • क्रोनिक थकान को मिटोकोनड्रियल डिस्फंक्शन से जुड़े हुए होते है, यह सेल्स के जरूरी एनर्जी विकसित न हो पाने के कारण होता है.
  • अध्ययनों में देखा गया है कि शिलाजीत के नियमित सेवन से एनर्जी बूस्ट होने में मदद मिलती है.

अल्ज़ाइमर रोग

  • यह एक प्रकार का दिमागी रोग होता है जिसमें याद्दाश्त, व्यवहार और सोचने में समस्याएं होने लगती है.
  • इसके लिए एलोपैथी उपचार उपलब्ध है लेकिन शिलाजीत की मॉलिक्यूलर संरचना के आधार पर रिसर्च करने वाले लोगों का मानना है कि इससे अल्ज़ाइमर का बचाव या धीमा होना होता है.
  • शिलाजीत का मुख्य तत्व फुल्विक एसिड होता है जो एक एंटीऑक्सीडेंट होता है.
  • यह ताक़तवर तत्व हमारे दिमागी स्वास्थ के लिए अच्छा रहता है.
  • हमारे नर्वस सिस्टम के लिए ताउ प्रोटीन बहुत जरूरी होता है. लेकिन इसका इसका बिल्डअप दिमाग के सेल्स को डैमेज कर सकता है.
  • शोधकर्ताओं के अनुसार शिलाजीत में होने वाला फुल्विक एसिड ताउ प्रोटीन बनने के असमान्या रूप को रोकता है.
  • साथ ही इंफ्लामेशन और अल्ज़ाइमर के लक्षणों को कम करने में मदद करती है.

हाई एट्टीट्यूड सिकनेस

  • हाई एट्टीट्यूड पर जाने से बहुत से लोगों को अनिद्रा, डिमेंशिया, शरीर में दर्द, थकान महसूस होना, पल्मोनरी एडिमा जैसे लक्षण ट्रिगर हो सकते है.
  • इसका कारण कम वातावरण प्रेशर, ठंडा तापमान या तेज़ हवाएं होता है.
  • शिलाजीत में कई प्रकार के मिनरल मौजूद होते है जिसके कई लाभ होते है.
  • शरीर की इम्यूनिटी बेहतर करने, एनर्जी बूस्ट करने, एंटी इंफ्लामेटरी और एंटीऑक्सीडेंट के रूप में काम करने के कारण यह बहुत लाभ देते है.
  • डाइट में लेने प यह शरीर से फालतू फ्लूइड को निकालने में भी मदद करते है.

लो टेस्टोस्टेरोन लेवल

  • पुरूषों में मुख्य सेक्स हार्मोन टेस्टोस्टेरोन होता है. लेकिन कुछ पुरूषों में इसका लेवल कम होता है.
  • ऐसे पुरूषों को टेस्टोस्टेरोन लेवल कम होने के कारण हेयर लॉस, थकान, मांसपेशियों का नुकसान, बॉडी फैट बढ़ना और कम सेक्स ड्राइव होना शामिल है.
  • कुछ रिसर्च में देखने को मिला है कि शिलाजीत के नियमित सेवन से टेस्टोस्टेरोन लेवल बढ़ जाता है. 

एजिंग

  • शिलाजीत में स्ट्रोंग एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लामेटरी गुण होते है.
  • इन गुणों के कारण शरीर का फ्री रेडिकल्स और सेल्स को नुकसान से बचाव होता है.
  • शिलाजीत का नियमित उपयोग एजिंग की प्रक्रिया को कम करने के साथ पूरे स्वास्थ को बेहतर करता है.

हिमोग्लोबिन की कमी

  • लो आयरन डाइट, ब्लड लॉस या आयरन को शोषित न कर पाने के कारण थकान, कमजोरी, सिरदर्द, अनियमित हार्टबीट, हाथ पैर ठंडे पड़ना हो सकता है.
  • लेकिन शिलाजीत का नियमित उपयोग आयरन के लेवल को बढ़ा सकता है.
  • अध्ययनों में देखा गया है कि हिमोग्लोबिन के लेवल बढ़ जाते है.
  • साथ ही रेड ब्लड सेल्स समेत ब्लड के सभी जरूरी तत्व बेहतर हो जाते है.

हार्ट के लिए

  • इसे डाइटरी सप्लीमेंट के रूप में भी लिया जा सकता है इसका लाभ हार्ट के स्वास्थ में भी मिलता है.
  • जानवरों पर हुए अध्ययनों में देखा गया है कि शिलाजीत लेने वाले जानवरों को हार्ट की समस्याएं कम होती है.
  • लेकिन हार्ट रोग हो जाने पर इसे नही लिया जाना चाहिए.

बांझपन

  • पुरूषों में बाझंपन की समस्या में शिलाजीत को सुरक्षित माना जाता है.
  • अध्ययनों के अनुसार यह पुरूषों में टोटल स्पर्म काउंट को बढ़ाने में मदद करता है.
  • साथ ही स्पर्म की गुणवत्ता भी बेहतर होती है.
  • स्पर्म गुणवत्ता बेहतर होने से उसके फर्टाइल होने के आसार बढ़ जाती है.

शिलाजीत के साइड इफेक्ट – what are the side effects of shilajit in hindi

  • यह हर्ब सुरक्षित और नैचुरल है, लेकिन इसे कच्चा नही खाना चाहिए.
  • कच्चे शिलाजीत में फंगस, फ्री रेडिकल्स और भारी मेटल ऑयन आदि होते है.
  • किसी स्टोर आदि से ही इसे खरीदना चाहिए.
  • सिकेल सेल अनेमिया, ब्लड में बहुत ज्यादा आयरन होने और थलेसमिया होने पर शिलाजीत नही लेनी चाहिए.
  • शिलाजीत से लोग एलर्जिक हो सकते है.
  • रैश, हार्ट बीट बढ़ना या चक्कर आना आदि स्थिति होने पर शिलाजीत का सेवन न करें. 

उपयोग कैसे करें

शिलाजीत आपको पाउडर और तरल दोनों रूपों में मिल सकते है. डॉक्टर की सलाह के बाद ही सप्लीमेंट आदि का सेवन किया जाना चाहिए.

इसे तरल रूप में खरीदने पर चावल या मटर के दाने के बराबर साइज में लेकर इसे पानी आदि में मिला लें. दिन में 2 से 3 बार डॉक्टर के बताए गई डोज़ के अनुसार ली जा सकती है. शिलाजीत की अनुशंसित डोज़ 300 से 500 एमजी प्रति दिन ली जा सकती है. इसके सेवन से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें.

References –

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