वैसे तो एच.आई.वी एड्स के बारे में लगभग हर किसी ने सुना होगा और हो सकता है इसकी थोड़ी जानकारी भी हो, तो आज हम बताएंगे इससे जुड़ी जरूरी जानकारी जैसे एड्स का पूरा नाम है ‘एक्वायर्ड इम्यूलनो डेफिसिएंशी सिंड्रोम’ है और एच.आई.वी. एक वायरस होता है जिसकी वजह से यह बीमारी रोगी के शरीर में फैलती हैं.

एच.आई.वी एड्स से ग्रसित व्यक्ति के साथ होता यह है कि इसका वायरस उसकी प्रतिरोधी क्षमता को कमज़ोर कर देता हैं. आपको बता दें कि एड्स कोई हवा में फैलने वाला सक्रमण नही हैं. इसका कारण असुरक्षित यौन संबंध या संक्रमित सूई के प्रयोग भी हो सकता हैं.

आपने एच.आई.वी. पॉजी़टिव शब्द बहुत सुना होगा, इसका मतलब होता है कि एड्स वायरस रोगी के शरीर में प्रवेश कर गया है. जबकि इसका अर्थ यह बिल्कुल नहीं होता कि उस व्यक्ति को एड्स हैं.

लेकिन एच.आई.वी. पॉजीटिव होने के 6 महीने से 10 साल के अंतराल में कभी भी एड्स होने का खतरा रहता हैं.

अगर उदाहरण के तौर पर बात करें तो एक स्वस्थ व्यक्ति अगर एच.आई.वी. पॉजीटिव के संपर्क में आता है, तो वह भी संक्रमित हो सकता हैं.

ऐसे में सबसे बड़ी समस्या यह सामने आती है कि एच.आई.वी. पॉजिटिव को इस बीमारी का पता तब तक नहीं चलता, जबतक कि इसके लक्षण प्रदर्शित नहीं होते हैं.

एचआईवी क्या होता है – what is hiv in hindi

  • एचआईवी एक वायरस होता है जो सीधे इम्यून सिस्टम में मौजूद CD4 सेल्स को प्रभावित करता है.
  • CD4 सेल्स हमारे शरीर को बीमारियों से बचाते है.
  • अन्य वायरसों की तरह हमारा इम्यून सिस्टम एचआईवी को नही निकाल पाता है.
  • एक से दूसरे व्यक्ति में इसके लक्षण अलग होते है.

एचआईवी का पैटर्न –

  • एक्यूट इलनेस
  • हल्के लक्षण वाला समय
  • एडवांस इंफेक्शन

एच.आई.वी. एड्स के लक्षण – hiv symptoms in men in hindi

अधिकतर एचआईवी के लक्षण महिलाओं और पुरूषों में एक जैसे होते है. लेकिन पुरूषों में एक अलग लक्षण पेनिस पर अल्सर का होना होता है. एचआईवी के कारण हाइपोगोनडिज़्म या सेक्स हार्मोन का खराब प्रोडक्शन होता है. हाइपोगोनाडिज़्म के लक्षणों में टेस्टोस्टेरोन लेवल का कम होना जिस कारण इरेक्टाइल डिस्फ़ंक्शन भी हो सकता है.

एक्यूट इलनेस

शुरूआत में लोग फ्लू के जैसे लक्षण महसूस करते है. लेकिन इस स्टेज के लक्षण काफी आम होते है जैसे –

  • बुखार – लंबे समय तक बुखार रहना एक सामान्य एच.आई.वी एड्स के लक्षण हैं. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि रोगी के शरीर में वाइरस प्रवेश होते ही इम्यून सिस्टम को कमज़ोर कर देता हैं. जिससे बार-बार बुखार आता हैं.
  • जुखाम और खांसी – यह बीमारी बदलते मौसम के समय आम होती हैं, लेकिन सामान्य मौसम में भी नाक बहते रहना इसके लक्षण होने की ओर इशारा हैं.
  • अकारण वजन का घटना – अच्छा खानपान या बिना किसी अन्य कारण के वजन का कम होना, चिंता का कारण है और एच.आई.वी एड्स के लक्षण भी हैं. ऐसे में डॉक्टर से संपर्क जरूर करें.
  • गले में खराश – पानी पीने के बाद भी गले में खराश और दर्द रहना एच.आई.वी के वायरस का शरीर में असर दिखाने का संकेत हैं.
  • भूख खत्म हो जाना – वजन घटने के साथ-साथ रोगी की भूख भी खत्म हो जाती हैं. जिसकी वजह रोग प्रतिरोधक क्षमता ज्यादा कमजोर पड़ जाती हैं.
  • बगल में सूजन भरी गिल्टियों का हो जाना – एच.आई.वी एड्स के लक्षण वाले रोगीयों में देखा गया है कि उनके बगल में सूजन के साथ-साथ गिल्टियां हो जाती हैं.
  • त्वचा पर खुजली वाले ददोरे या रेश हो जाना – रोग प्रतिरोधक क्षमता कमज़ोर होने के कारण रोगी तो अन्य बीमारीयां भी होने लगती हैं. जिसके चलते शरीर पर कई तरह के निशान हो जाते है और यह इसके लक्षण भी होते हैं.
  • सोते समय पसीना आना – सामान्य तापमान में भी ज्यादा पसीना आना एच.आई.वी एड्स के लक्षण हैं. ऐसे रोगी ठीक से सो भी नही पाते हैं.

इस तरह के लक्षण एक से दो हफ्तों तक रहते है. अगर किसी को इस तरह के लक्षण है और वह एचआईवी के संपर्क में आए है तो उनको तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.

हल्के लक्षण वाला समय

  • शुरूआती लक्षण गायब होने पर हो सकता है कि कुछ महीने या सालों तक कोई अन्य लक्षण न दिखें.
  • इस समय में वायरस बढ़ना शुरू हो जाता है और इम्यून सिस्टम को कमजोर कर देता है.
  • इस स्टेज में व्यक्ति स्वस्थ दिखता है लेकिन वायरस एक्टिव रहता है.
  • यह वायरस दूसरे में आसानी से ट्रांसमिट हो सकता है,
  • इसलिए जिन लोगों को ठीक भी लगता है उनकी शुरूआती जांच जरूरी है.

एडवांस इंफेक्शन

  • एचआईवी वाले लोगों में बार बार जुकाम बुखार और फंगल इंफेक्शन होना.
  • मतली
  • उल्टी
  • याद न रख पाना
  • भ्रम
  • न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर
  • तेज़ी से वजन घटना
  • क्रोनिक थकान
  • शरीर में पानी की कमी रहना
  • ठंड लगना
  • बुखार
  • सांस लेने में परेशानी
  • रेश, छिलना और छाले (मुँह या नाक)
  • लिम्फ नोड्स की सूजन
  • खांसी

एचआईवी कैसे विकसित होता है – how HIV progresses in hindi

  • जैसे जैसे एचआईवी विकसित होता है वैसे ही यह हमारे शरीर में मौजूद CD4 सेल्स को मारना शुरू कर देता है.
  • जिस कारण हमारा शरीर वायरस और इंफेक्शन से लड़ नही पाता है.
  • इसे विकसित होने में कुछ महीनों से लेकर सालों तक लग सकते है.
  • हालांकि हर कोई एचआईवी की स्टेज 3 तक नही पहुँचता है.
  • इसके लिए डॉक्टर से संपर्क कर सलाह ली जानी चाहिए.
  • एचआईवी होने पर इलाज जितनी जल्दी शुरू हो सके उतना ही बेहतर रहता है.

एचआईवी कितना आम है – how common is HIV in hindi

  • यह दुनिया में किसी को भी प्रभावित कर सकता है.
  • इसका वायरस एक से दूसरे इंसान के संपर्क जैसे ब्लड, सीमन या वेजाइन फ्लूइड के जरिए फैल सकता है.
  • एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति के साथ बिना कंडोम के सेक्स करने से इसका रिस्क अधिक हो जाता है.

एचआईवी से बचने के सुरक्षा के उपाय – protecting against HIV in hindi

अगर कोई एचआईवी से संक्रमित महिला गर्भधारण करना चाहती हैं, तो डॉक्टर से मिल सलाह जरूर लें. निम्न तरीकों से एचआईवी का रिस्क कम किया जा सकता है.

  • वेजाइनल या एनल सेक्स के लिए कंडोम का उपयोग करें और असुरक्षित यौन संबंधों से बचना चाहिए.
  • डिस्पोषज़ेबल सिरिंज या सूई का ही प्रयोग करना चाहिए.
  • हमेशा याद रखें कि ब्लड संक्रमित हो सकता है इसलिए लैटेक्स गल्वस और पोटेक्शन का इस्तेमाल करें.
  • एडस के लक्षण सामान्य बीमारियों के जैसे ही होते हैं. इसलिए चिकित्सक भी इस बीमारी को जल्दी नही पकड़ पाते है.
  • एचआईवी टेस्ट पॉजिटिव आने वाले लोगों को इसका इलाज जल्द से जल्द लेना चाहिए. जिससे इसके रिस्क को कम किया जा सकें.

अंत में

एचआईवी को ठीक नही किया जा सकता है. लेकिन समय से निदान किए जाने पर आप इसे बढ़ने से रोक सकते है. रोग की रफ्तार धीमी होने पर जीवन की गुणवत्ता बेहतर हो सकती है. इसके अलावा किसी अन्य समस्या व सवाल के लिए डॉक्टर से बात कर सलाह ली जानी चाहिए.

References –

Share: