किसी भी मुद्दे पर तरह-तरह की प्रक्रिया आना आम है और भारत एक ऐसा देश है जहां हर टॉपिक को राजनीति से जोड़ दिया जाता है. लोगों को व्यस्त रखने के लिए कई तरह की बातें जैसे – हिंदू – मूस्लमान, स्वर्ण-दलित, जय भीम जय मीम, शिया – सुन्नी, मंदिर-मस्जिद और न जाने क्या क्या, आदि की लाइव डिबेट टीवी पर होती है.

जिसके चलते लोगों को अस्पतालों की अहमियत, जाम व धरना प्रदर्शन के कारण होने वाले अर्थव्यवस्था के नुकसान, लोगों तक समय पर सुविधाओं का न पहुँच पाना सबकुछ किनारे कर दिया जाता है. रोजगारों पर कोई चर्चा नही करता, लचर न्याय प्रणाली और भष्ट्राचार पर सभी को सांप सूंघा रहता है.

ऐसे में इस बहुत ज्यादा संवेदनशील समय पर जब हमारे देश में पर्याप्त अस्पताल, डॉक्टर, मेडिकल स्टॉफ का न होना. सरकार, विपक्ष व जनता की आंखें खोलने वाला मुद्दा होना चाहिए. पीएम की जनता कर्फ्यू की अपील और उसका असर दिखना. लेकिन कुछ बुद्धिजीवियों का सड़क पर घूमना और जनता कर्फ्यू का महत्व न समझना, क्या कोविड-19 की गंभीरता का माखौल उड़ाना नही है?

हम भारत के लोग एक ऐसे मुहाने पर है जहां कोरोना का फैलना हुआ और शायद हो सकता है कि बहुत से लोग बिना किसी उपचार के ही अपनी जान गंवा दें. यह स्थिति आपकी और हमारी कल्पना से भी अधिक इतनी ज्यादा भवावह हो सकती है कि हो सकता है कि लाशों को उठाने के लिए लोग ही न मिल पाए.

ऐसे में लोगों को खुद से यह समझना जरूरी है कि आपका घर में रहना आपके और दूसरों की जान के लिए भी बहुत जरूरी है. अगर हम लोगों ने खुद को घर में सीमित किया तब जाकर हम इससे लड़ सकते है. लेकिन ध्यान रखने वाली बात यह है कि ऐसा 1या 2 दिन में नही होने वाला है.

WHO के मुताबिक इसके लिए कम से कम 60 दिन का लॉकडाउन लेकर चलना चाहिए, क्योंकि भारत में यह तीसरे स्टेज में जा रहा है. इसलिए अभी कम से कम 15 दिन का लॉकडाउन में भी हम इसे बेहतर रूप से कंट्रोल कर सकते है.

इसके अलावा जरूरी यह भी है कि सरकारें इन समय पर सार्वजनिक जगहों की सफाई व सैनिटाइज़ेशन जारी रखें जिससे कोई और महामारी न फैले. इन सभी के अलावा मार्च के बाद से जैसे ही तापमान बढ़ना शुरू होता है तो थोड़ी बहुत बारिश भी होती है जिसके चलते मच्छर आदि भी पनपते है. ऐसे में बेहद जरूरी है कि सरकारे इन सभी मुद्दों का भी खासा ख्याल रखें. लोग निम्न बातों का ख्याल रखें –

कैसे सैनिटाइज़ करें अपना मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक समान Kaise sanaitze kare apna mobile aur electronic saman

जिस तरह आप अपने हाथों को धोते या सैनिटाइज़ करते है उसी तरह अपने फोन को भी सैनिटाइज़ किया जाना चाहिए. इसे किसी कपड़े आदि से कुछ समय के अंतराल पर सैनिटाइज़र से साफ करते रहें. इसी तरह लैपटॉप, आईपैड आदि को साफ करें क्योंकि यह चीज़े वायरस का कैरियर हो सकती है. ऐसे में अपने आस-पास के वातावरण को साफ रखें.

सरकार ने किन शहरों में किया लॉकडाउन – Sarkar ne kin sehar ko kiya lockdown,

देश की राजधानी और एनसीआर समेत देश में करीब 14 राज्यों को 31 मार्च तक के लिए लॉकडाउन किया गया है. यह वह राज्य है जहां कोरोना के मरीज़ों की संख्या अचानक से बढ़ रही है. जिसमें दिल्ली एनसीआर, हरियाणा, महाराष्ट्र, राजस्थान, यूपी, बिहार, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, आदि है जिनमें सिर्फ जरूरत की सेवा जैसे दूध, किराना स्टोर के अलावा इमेरजैसी सेवाओं में तैनात को ही निकलने की इज़ाजत है.

शहरों में संक्रमित और मौत का आंकड़ा – inn mein sankramit aur maut ka ankhada.

लगभग सभी लॉकडाउन हुए शहरों में धारा 144 लगाई गई है जिसका मतलब है कि लोगों को रोककर पुलिस पुछ सकती है कि वह किस काम से कहां जा रहे है. इसके अलावा उन्हें वापस घर भी भेज सकती है. अभी तक भारत में मौत का आंकडा 7 है और संक्रमित लोगों का आंकडा 400 के करीब है. एक से दूसके व्यक्ति में संक्रमण के केस अभी तक सिर्फ 6 मिले है. बाकी सब वे लोग है जो विदेशों से संक्रमित होकर आए है.

चीन या इटली में हुई मौतों से भारत क्या सबक ले सकता है? china aur Italy mein kyu corona se hui itni maut or bharat iss se kya sabak le sakta hai

चीन और इटली के अलावा दूसके देशों की बात करें तो उन्होनें इसे काफी हल्के में लिया. जिस कारण से वहां यह इतनी तेज़ी से फैला. चीन में इसकी शुरूआत चीनी नए साल के आसपास हुई, क्योंकि चीन में वह ऐसा समय होता है कि जहां लोग अपने घरों में वापस जाते है. जिसके कारण यह कम्युनिटी में फैला. इसके अलावा सबसे पहले चीन ने ही इसपर रोकथाम पाई लेकिन शुरूआत में चीन ने इसे हल्के में लिया

लेकिन जैसे ही इस वायरस का पता लगा तो तुरंत एक्शन लेते हुए चीन नें –

  • अपने सबसे प्रभावित क्षेत्र वुहान को बाकी के हिस्से से काट दिया
  • काफी सारे अस्थाई अस्पाताल बनाए
  • हर घर में एक इंसान को पास दिया गया जिससे वह बाहर जाकर समान खरीद सके
  • जरूरत की दुकानों को दिन में सिर्फ 2 घंटे के लिए खोला गया

वहीं इटली ने –

  • इसे गंभीरता से नही लिया
  • जहां जरूरत से लॉकडाउन की उसके उल्ट वहां सारी सार्वजनिक जगहों को खोल दिया
  • इसके चलते वहां यह एक से दूसरे व्यक्ति में फैल गया
  • इसका सबसे अधिक असर 60 से अधिक आयु और कमज़ोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोग और बच्चों पर पढ़ता है
  • जिसके चलते इटली में यह नंबर पूरी दुनिया में सबसे अधिक पहुँच गया.

भारत द्वारा लिए जा रहे कदम –

यहां पर कोरोना अभी दूसरी स्टेज़ से बढ़कर तीसरी स्टेज़ में जा रहा है. इसलिए जरूरत है कि किसी भी जगह लोग जमा न हो. इसलिए लॉकडाउन किया जा रहा है. ताकि संक्रमण फैलने से रूके. इसके अलावा संक्रमितों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराया जा रहा है. साथ ही बाहर गैर जरूरी रूप से घूम रहें लोगों पर कार्यवाही की मांग भी की जा रही है.

साथ ही सरकारें समय अनुसार स्थिति को देखते हुए जल्दी-जल्दी कदम उठा रही है. ऐसे में जरूरी है कि संयम रखें और खुद को आइसोलेट करें.

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