अंग्रेजी में ड्रैगन फ्रूट और हिंदी में पिताया के नाम से जाने जाना वाला यह ट्रॉपिकल फल, हल्के गुलाबी रंग का होता है. इसका स्वाद किवी और तरबूज के जैसा होता है.

यह दिखने में दूसरे फलों से अलग होता है लेकिन इसके हेल्थ बेनेफिट्स बहुत सारे होते है. आजकल के समय में आपको दुनिया के किसी भी कोने में कही का भी फल मिल जाता है. आज इस लेख में हम आपको बताने वाले है ड्रैगन फ्रूट के हेल्थ बेनेफिट्स –

ड्रैगन फ्रूट के फायदे – dragon fruit benefits in hindi

पोषक तत्वों में पूर्ण

यह कम कैलोरी और कई सारे जरूरी विटामिन और मिनरल से पूर्ण होता है. इसमें जरूरी मात्रा में डाइटरी फाइबर होता है. 227 ग्राम ड्रैगन फ्रूट में –

  • फाइबर – 7 ग्राम
  • कार्बोहाइड्रेट – 29 ग्राम
  • फैट – 0 ग्राम
  • प्रोटीन – 3 ग्राम
  • कैलोरी – 136
  • मैग्नीशियम
  • विटामिन ई
  • विटामिन सी

जरूरी पोषक तत्वों के अलावा ड्रैगन फ्रूट में जरूरी प्लांट तत्व जैसे पॉलीफेनॉल्स, कैरोटेनॉइड और बीटासियानिन होते है.

कम आयरन लेवल को बढ़ाने

  • ड्रेगन फ्रूट कुछ ताजा फलों में से एक है जिसमें आयरन होती है.
  • शरीर में ऑक्सीजन को ले जाने के लिए आयरन बहुत ही जरूरी होता है.
  • साथ ही आयरन शरीर में फ़ूड को तोड़कर एनर्जी में बदलने में मदद करती है.
  • दुनिया में ऐसे बहुत से लोग है जिनको आयरन की कमी है जिसको पूरा करने के लिए आयरन रिच फ़ूड्स खाने चाहिए.
  • आयरन फ़ूड्स में मांस, मछली, दाल, नट्स और सीरियल्स शामिल है.

मैग्नीशियम का अच्छा सोर्स

  • दूसरे फलों की तुलना में ड्रैगन फ्रूट में मैग्नीशियम अधिक होता है.
  • हमारे शरीर को रोजाना करीब 24 ग्राम मैग्नीशियम की जरूरत होती है.
  • यह मिनरल शरीर के सभी सेल्स में मौजूद होता है और शरीर में कई केमिकल रिएक्शन के लिए जरूरी होता है.
  • इसका उपयोग फ़ूड को एनर्जी में बदलने, हड्डी के बनने समेत डीएनए बनाने के लिए जरूरी होता है.
  • कुछ अध्ययनों के अनुसार हाई मैग्नीशियम के सेवन से हार्ट रोग और स्ट्रोक का रिस्क कम हो जाता है.

क्रोनिक रोगों से लड़ने

  • मुक्त कणों जिनके कारण सेल्स को नुकसान होता है और इंफ्लामेशन समेत अन्य रोगों का कारण बनता है.
  • इससे बचने का सबसे प्रभावी तरीका है कि एंटीऑक्सीडेंट रिच फ़ूड्स का सेवन करना जिसमें ड्रैगन फ्रूट एक है.
  • एंटीऑक्सीडेंट फ्री रेडिकल्स को खत्म करके सेल्स को नुकसान और इंफ्लामेशन से बचाते है.
  • रिसर्च के अनुसार हाई एंटीऑक्सीडेंट डाइट लेने से क्रोनिक रोगों जैसे हार्ट रोग, कैंसर, डायबिटीज और गठिया से बचाव होता है.

ड्रैगन फ्रूट में कई प्रकार के एंटीऑक्सीडेंट जैसे –

  • विटामिन सी – इससे सिर और र्गदन के कैंसर का रिस्क कम होता है.
  • कैरोटेनॉइड – इससे कैंसर और हार्ट रोग का रिस्क कम होता है. साथ ही इसके कारण ही फल में रंग आता है.
  • बीटालेन्स – छोटे अध्ययनों में देखा गया है कि ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से लड़ने के साथ कैंसर सेल्स को खत्म करने में मदद करते है.

सबसे जरूरी, पील्स और सप्लीमेंट की तुलना में नैचुरल फ़ूड्स से मिलने वाले एंटीऑक्सीडेंट सबसे बेहतर ढ़ग से काम करते है. एंटीऑक्सीडेंट सप्लीमेंट के कुछ दुष्प्रभाव हो सकते है. इसलिए बिना किसी मेडिकल सहायता के इन्हें नही लिया जाना चाहिए.

फाइबर से भरपूर

  • डाइटरी फाइबर नॉनडाइजेस्टेबल कार्बोहाइड्रेट होते है जिनके कई हेल्थ बेनेफिट्स होते है.
  • एंटीऑक्सीडेंट की तरह, फाइबर फ़ूड्स की तुलना में फाइबर सप्लीमेंट के एक जैसे हेल्थ बेनेफिट्स नही होते है.
  • फाइबर का सबसे अहम काम पाचन में होता है.
  • रिसर्च के अनुसार यह हार्ट रोग से बचाव करने, टाइप 2 डायबिटीज को मैनेज करने और हेल्दी बॉडी वेट बनाए रखने में मदद करते है.
  • कुछ अध्ययनों के अनुसार, डाइट में फाइबर लेने से कोलन कैंसर से बचाव होता है.
  • हालांकि, अचानक से हाई फाइबर डाइट लेने के कुछ नुकसान हो सकते है.
  • ऐसे में पेट में असहजता आदि हो सकते है इससे बचने के खुद सारे फ्लूइड लें.

स्वस्थ आंतो के लिए

  • हमारी आंतो में कई प्रकार के बैक्टीरिया मौजूद होते है.
  • कई रिसर्च के अनुसार यह माइक्रोऑर्गेनिजम हमारे स्वास्थ को प्रभावित करते है.
  • मानव और जानवरों पर अध्ययन में देखा गया है कि अस्थमा और हार्ट रोग होने पर आंतो में असंतुलन होता है.
  • ड्रैगन फ्रूट में प्रीबायोटिक्स होते है जो आंतो में गुड बैक्टीरिया का संतुलन बना सकते है.
  • प्रीबायोटिक्स एक विशेष प्रकार के फाइबर होते है जो आंतो में हेल्दी बैक्टीरिया की ग्रोथ को बढ़ाते है.
  • अन्य फाइबर की तरह हमारी आंत इन्हें तोड़ नही पाती है. हालांकि, आंत के अंदर मौजूद बैक्टीरिया उसे पचा सकता है.
  • ड्रैगन फ्रूट हमारे शरीर में अच्छे बैक्टीरिया के विकास को बढ़ाकर मदद करता है.
  • प्रीबायोटिक्स के नियमित सेवन से पाचन तंत्र में होने वाले डायरिया और इंफेक्शन का रिस्क कम होता है.
  • कुछ अध्ययनों के अनुसार प्रीबायोटिक्स इफ्लामेटरी बाउल रोग और कोलन कैंसर के लक्षण को कम करते है.
  • अधिकतर रिसर्च के अनुसार प्रीबायोटिक्स सही रहते है लेकिन ड्रैगन फ्रूट में इसकी मात्रा को लेकर अध्ययन सीमित है.

इम्यून सिस्टम बेहतर करने

  • हमारे शरीर की इंफेक्शन से लड़ने की क्षमता कई फैक्टर पर निर्भर करती है जिसमें डाइट की गुणवत्ता शामिल है.
  • ड्रैगन फ्रूट में मौजूद विटामिन सी और कैरोटेनॉइड इम्यून सिस्टम को बेहतर करने और इंफेक्शन से बचाव करने में मदद करते है.
  • साथ ही यह वाइट ब्लड सेल्स को नुकसान होने से बचाते है.
  • इम्यून सिस्टम में मौजूद वाइट ब्लड सेल्स हानिकारक तत्वों को खत्म करके काम करते है.
  • हालांकि, यह मुक्त कणों के कारण होने वाले नुकसान के प्रति काफी संवेदनशील होते है.

ड्रैगन फ्रूट कैसे खाए – how to eat dragon fruit in hindi

ड्रैगन फ्रूट पतला, लेथरी स्किन होने के साथ इसे खाना आसान होता है. इसे खाने से पहले देख लें कि फल कही से सड़ा, गला न हो. एवोकाडो और किवी की तरह यह सॉफ्ट होना चाहिए. ताजा ड्रैगन फ्रूट खाने के लिए –

  • नुकीला चाकू लेकर उसे लंबाई से आधा काट लें.
  • इसके बाद फल को चम्मच से निकाल कर काटा जा सकता है.
  • काटने के लिए अलग शेप काट सकते है.
  • टुकड़े होने पर हाथों से इसके छिलके को निकाल दें.
  • इसे स्लाद, स्मूदी और दही या स्नैक में ले सकते है.

अंत में

इस स्वादिष्ट और हेल्दी सुपर फ़ूड् को जरूर आज़माना चाहिए. इसका बेहतरीन स्वाद होने के साथ इसमें पोषक तत्व, प्रीबायोटिक फाइबर और जरूरी प्लांट कंपाउंड के अलावा लो कैलोरी होती है. अगर आप अपने फ़ूड में कुछ अलग शामिल करना चाहते है तो ड्रैगन फ्रूट एक बहुत ही सारे हेल्थ बेनेफिट्स वाला स्वादिष्ट ऑप्शन है.

References –

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