जानें मुँह के कैंसर के लक्षण और घरेलू उपचार –
मुँह के कैंसर के लक्षण – (oral) mouth cancer symptoms in hindi
जीभ पर छाले
- यह एक ऐसी स्थिति होती है जो मुँह में कही भी हो सकती है.
- यह अधिकतर तालू, जीभ के नीचे या दांतों के पीछे मसूड़ों पर हो सकती है.
- हर महीने में एक बार किसी भी असमान्यता को जानने के लिए मुँह को शिशे में ठीक से देखें.
- हाथों को साफ करके मुँह के अंदर डालकर भी चेक कर सकते है.
लाल पैच
- मुँह के अंदर चमकने वाले लाल पैच प्रीकैंसर कारक हो सकते है.
- अपने माउथ में किसी भी रंग के स्पॉट को हल्के में नही लेना चाहिए.
- ऐसा कुछ दिखने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें.
सफेद पैच
- सफेद या ग्रे रंग के होंठों के आसपास के पैच को केराटोसिस भी कहा जाता है.
- खराब दांत, टूटा हुआ दांत या तंबाकू के कारण यह होता है.
- इसमें सेल्स की ओवरग्रोथ होती है जिससे पैच हो जाते है.
- अपने गालों और लिप्स को चबाने की आदतों के कारण भी यह हो सकता है.
पैच होने
- स्क्वैमस सेल वह होते है जो हमारे मुँह, जीभ और लिप्स की जगह को कवर करते है.
- माउथ कैंसर वाले अधिकतर सेल्स की शुरूआत इन्ही से होती है.
- जीभ, मसूड़े, टॉन्सिल या माउथ लिनिंग पर पैच होना खतरे की घंटी है.
- लिप्स पर सफेद या लाल पैच स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा की ओर ईशारा करता है.
- अधिकतर मुँह के कैंसर में स्किन पतली हो जाती है और छाले आदि रहते है.
- जबकि बिना कैंसर वाले कटाव या छाले अपने आप कुछ हफ्तों में ठीक हो जाते है.
लाल या सफेद पैच
- मुँह में लाल और सफेद पैच का मिक्सचर असमान्य सेल्स की ग्रोथ की तरफ ईशारा करता है.
- अगर यह पैच 2 हफ्तों से अधिक समय तक रहते है तो डॉक्टर को दिखाना चाहिए.
- माउथ कैंसर की शुरूआती स्टेज में दर्द होता है.
मुँह के छाले
- दर्द के साथ लेकिन इनमें कोई गंभीरता नही होती है.
- जबकि इन केंकर छालों में जलन, दर्द, सून्न होना आदि होता है.
- असमान्य सेल्स की ग्रोथ पैच में नज़र आती है.
- यह मुँह के छाले पीले, सफेद, लाल, ग्रे हो सकते है.
माउथ कैंसर के अन्य लक्षण –
- छाले और लाल-सफ़ेद धब्बे का मौजूद होना
- स्वाद में परिवर्तन
- मुँह से खून निकलना
- मुँह में गांठ
- दांत ढीले होना या अचानक से झड़ना
- साँसो में बदबू
- कभी भी जीभ या मुँह का सुन्न हो जाना
- खाने को निगलने व चबाने में तकलीफ होना
- मुँह के अंदर या होंठ के आस-पास अल्सर
- जेनेटीक
- जबड़े-गाल में सूजन
मुँह के कैंसर के इलाज में रेडिएशन/ रेडियो थेरपी, सर्जरी आदि से होता है. इसे होना का कारण – धुम्रपान, शराब, गुटका व तंबाकू का इस्तेमाल है जिसकी वजह से मुँह का कैंसर हो जाता है.
मुँह के कैंसर के घरेलू उपचार – home remedies for oral cancer in hindi
हल्दी
- यह एक अच्छे मुँह के कैंसर के घरेलू उपचार है क्योंकि हल्दी एक प्रकृतिक औषधि है जो कैंसर समेत कई रोगों से बचने के लिए बहुत ही उपयोगी सिद्ध होती हैं.
- हल्दी का रोज़ सेवन करने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और वायरस खत्म होता हैं.
देसी गाय का मूत्र
- मुँह के कैंसर के इलाज में गोमूत्र का सेवन करना बहुत ही लाभ देता हैं.
- रोगी को दिन में कम से कम 2 से 3 बार गोमूत्र का सेवन करना चाहिए.
ग्रीन टी
- ग्रीन टी के सेवन से स्किन कैंसर, लिवर कैंसर, गले का कैंसर और मुँह के कैंसर के इलाज आदि में बहुत लाभ मिलता है.
- साथ ही कैंसर की कोशिकाओं को फैलने से रोकती हैं.
- इसके अलावा यह हमारी पूरी हेल्थ के लिए काफी अच्छी होती है.
सोयाबीन
- सोयाबीन का प्रयोग किसी भी प्रकार के कैंसर में बहुत उपयोगी साबित होने के साथ-साथ कैंसर की आशंका को भी कम करता हैं.
गेहुँ के ज्वार
- गेहुं के ज्वार का रस पीने से भी कैंसर के सेल्स् फैल नही पाते हैं.
- इसलिए मुँह के कैंसर के इलाज के लिए जरूरी है कि इसके जूस का सेवन नियम से करें.
ज्यादा पानी पीएं
- कैंसर के रोगी को ज्यादा से ज्यादा पानी का सेवन करना चाहिए.
- रात को तांबे के किसी बर्तन में तीन से चार ग्लास पानी भर कर रख दें.
- फिर सुबह-सुबह खाली पेंट उस पानी को पीएं.
- इससे कैंसर के साथ-साथ कई सारी बीमारियों के इलाज में मदद मिलती हैं.
गेंहु और जौ का आटा
- रोगी को गेंहु और जो मिला हुए आटे का सेवन करना चाहिए, जैसे दो किलो गेंहु के आटे में एक किलो जो का आटा मिलाकर इसे भोजन में इस्तेमाल करें.
- बेंगन, आलू, अरबी के सेवन से परहेज़ करना चाहिए.
- मुँह के कैंसर के इलाज के लिए यह बहुत लाभ देता हैं.
विटामिन डी
- सुबह-सुबह की सूर्य की रोशनी लेने से विटामिन डी मिलता हैं.
- इसके अलावा विटामिन डी की अच्छी मात्रा वाले फ़ूड्स को डाइट में जरूर शामिल करें.
योग करें
- किसी भी उपचार में सबसे अहम होता है कि रोज़ अपने शरीर को फिट रखने के लिए कसरत की जाए.
- इससे बहुत से रोगों से राहत मिलती हैं.
अंत में
सभी जानते है कि कैंसर एक जानलेवा बीमारी है और इसका इलाज होना बहुत ही मुश्किल है. कैंसर कई तरह का होता हैं और इसके होने के कारण भी कई तरह के हो सकते है. यह ज्यादातर 25 से 50 की उम्र के लोगों में देखा गया है. कैंसर अगर पहली या दूसरी स्टेज पर है, तो इसका इलाज होना कही न कही संभव हैं.
वहीं अगर यह तीसरी स्टेज पर चला जाए तो इसका इलाज उतना ही मुश्किल हो जाता है. ओरल कैंसर आपके मुँह के कई हिस्सों को प्रभावित कर सकता है जिसमें –
- मसूड़े
- तालू (मुँह की छत)
- लिप्स
- होंठ और गाल की लाइन वाले टिश्यू
- दांत
- जीभ के सामने का 70 फीसदी से अधिक एरिया
- जीभ के नीचे का हिस्सा
लेकिन मुँह के कैंसर के घरेलू उपचार कर कुछ हद तक इसे नियंत्रण में रखा जा सकता हैं. उसे बताने से पहले जाने इसके कुछ लक्षण जो इस प्रकार हैं –
रेगुलर दांतों की जांच से किसी भी तरह के रोग को समयपूर्व ही निदान किया जा सकता है. इसके लिए आपको हर 6 महीने में डेंटिस्ट के पास जाकर जांच करानी चाहिए.
किसी भी अन्य समस्या व सवाल के लिए अपने डॉक्टर से सलाह लेकर उचित उपचार लें.
References –