इस लेख में आप जानेंगे हेयर लॉस क्या है, हेयर लॉस के कारण, निदान, उपचार और रोकथाम –

हेयर लॉस क्या है – what is hair loss in hindi

  • दुनियाभर में ऐसे बहुत सारे लोग है जो अनुवांशिक हेयर लॉस की समस्या से ग्रसित होते है. इस कंडीशन को एलोपेशिया भी कहा जाता है. 
  • इस तरह की स्थिति आपके स्कैल्प समेत पूरे शरीर के बालों को प्रभावित कर सकती है.
  • हालांकि, एलोपेशिया की समस्या ज्यादा आयु वाले व्यस्कों में होने के आसार अधिक होते है.
  • लेकिन हेयर लॉस की समस्या बच्चों में भी देखने को मिलती है.
  • एक दिन में 50 से 100 बालों का गिरना आम है. लेकिन सिर पर 10 लाख से अधिक बाल होने पर इनका गिरना कोई नोटिस नही करता है.
  • बालों का गिरना और उसके स्थान पर नए बाल आना एक सामान्य प्रक्रिया है लेकिन यह हमेशा नही होता है. 
  • हेयर लॉस सालों तक नियमित रूप या अचानक से हो सकता है. हेयर लॉस स्थाई व अस्थाई दोनों हो सकता है.
  • वैसे तो रोजाना होने वाले हेयर लॉस को जानना मुश्किल है लेकिन रोजाना सामान्य से अधिक हेयर लॉस नोटिस करने (ब्रश में, नहाने के बाद ड्रेन में आदि) की स्थिति जैसे सिर में पैच या गंजापन हो सकता है.
  • अगर आपको अपने सिर में गंजापन या हेयर लॉस अधिक महसूस होता है तो तुरंत डॉक्टर से बात कर सलाह लेनी चाहिए.

हेयर लॉस के कारण – what causes hair loss in hindi

  • इसके लिए स्किन डॉक्टर से संपर्क किया जाना चाहिए जिससे वह आपके हेयर लॉस का कारण जान सकें.
  • अधिकतर मामलों में हेयर लॉस या गंजेपन का कारण अनुवांशिक होता है.
  • अगर आपके परिवार की गंजेपन की हिस्ट्री है तो आपके इस तरह के हेयर लॉस का सामना करना पड़ सकता है.
  • कुछ विशेष सेक्स हार्मोन ही अनुवांशिक हेयर लॉस को ट्रिगर कर सकते है. 
  • बालों के झड़ने की शुरूआत प्यूबर्टी की शुरूआत में भी हो सकती है.
  • कुछ मामलों में, हेयर लॉस का कारण नए बालों की ग्रोथ के कारण होता है.
  • बड़ी बीमारियों, सर्जरी या कोई ट्रामा होने पर हेयर लॉस हो सकता है.
  • हालांकि, बिना किसी उपचार के आपको बाल फिर से ग्रो होने लगते है.

हार्मोनल बदलाव के कारण हेयर लॉस –

  • प्रेगनेंसी
  • मेनोपोज़
  • बर्थ कंट्रोल पील्स न लेना
  • शिशु के जन्म के बाद

मेडिकल कंडीशन जिनके कारण हेयर लॉस होता है –

  • एलोपेशिया एरियटा
  • थायरॉइड रोग
  • रिंगवॉर्म जैसा स्कैल्प इंफेक्शन

इसके अलावा रोग जिनके कारण स्कैरिंग (सिकुड़न) और कुछ प्रकार के ल्यूपस आदि के कारण स्कैरिंग पर स्थाई हेयर लॉस हो सकता है.

निम्न रोगों की दवाओं के कारण हेयर लॉस हो सकता है –

शारीरिक या मानसिक शॉक के कारण भी हेयर लॉस ट्रिगर हो सकता है. उदाहरण के लिए –

  • हाई फीवर
  • ज्यादा वजन कम होना
  • परिवार में किसी की मृत्यु

जिन लोगों को हेयर पुल्लिंग डिसऑर्डर होता है उन्हें सिर, आईब्रो और पलको के बाल निकालने पड़ते है.

कुछ हेयर लॉस का कारण खराब हेयरस्टाइल के कारण बालों के फॉलिकल पर प्रेशर पड़ने से होता है जैसे रात के समय बालों के पीछे की तरफ टाइट बांधना.

प्रोटीन, आयरन और अन्य पोषक तत्वों की कमी वाली डाइट से भी बाल पतले होने लगते है.

हेयर लॉस का निदान – how is hair loss diagnosed in hindi

  • नियमित हेयर लॉस किसी स्वास्थ समस्या की ओर ईशारा करता है.
  • आपके डॉक्टर द्वारा जांच के बाद हेयर लॉस के कारण पता लगाए जा सकते है.
  • कुछ मामलों में डाइट में बदलाव से इसे ठीक किया जा सकता है.
  • जबकि कुछ मामलों में डॉक्टर दवाएं लिख सकते है.
  • डॉक्टर द्वारा किसी ऑटोइम्यून या स्किन रोग का अंदेशा होने पर स्कैल्प की स्किन की बायोप्सी की जा सकती है.
  • इसके लिए स्कैल्प से बहुत ध्यान पूर्वक स्किन का छोटा हिस्सा लिया जाता है. जिसकी जांच में हेयर लॉस का कारण पता लगाया जाता है.

हेयर लॉस के ट्रीटमेंट विकल्प क्या है – what are the treatment options for hair loss in hindi

दवाएं

  • हेयर लॉस के उपचार के लिए दवाएं सबसे पहले दी जाती है.
  • ओटीसी दवाओं में टॉपिकल क्रीम और जेल आदि दिए जा सकते है जिन्हें सीधे स्कैल्प पर लगाया जाता है.
  • इस तरह की दवाओं के फायदे व नुकसान के बारे में डॉक्टर के साथ चर्चा की जानी चाहिए.
  • साइड इफेक्ट्स जैसे ग्लूकोमा जिसमें आंखों की ऑप्टिक नर्व को नुकसान के साथ दृष्टि को नुकसान पहुँचता है.
  • अन्य दुष्प्रभाव जैसे फ्लूइड रिटेंशन, हाई ब्लड प्रेशर, मोतियाबिंद, हाई ब्लड शुगर, पैरों में सूजन आदि हो सकते है.
  • जबकि इन दवाओं से इंफेक्शन, त्वचा का पतला होना, कैल्शीयम का नुकसान, छिलना, गले में खराश आदि हो सकते है.

मेडिकल प्रोसीज़र

  • हेयर ट्रांसप्लांट सर्जरी – इसमें स्किन के छोटे प्लग्स को सिर के गंजे भाग पर लगाया जाता है. यह अनुवांशिक रूप से गंजेपन वाले लोगों में मदद करता है.
  • स्कैल्प रिडक्शन – इसमें सर्जरी के दौरान सिर पर कम बाल वाले भाग को हटा दिया जाता है और उसके स्थान पर बालों वाला पीस लगा दिया जाता है.
  • टिश्यू एक्सपेंशन – इससे भी गंजेपन को कवर किया जा सकता है. इसमें दो सर्जरी की जरूरत पड़ती है. 

इस तरह के सर्जरी वाले विकल्पों में पैसा खर्च होने के साथ साथ पैची हेयर ग्रोथ, ब्लीडिंग, चौड़े स्कार, इंफेक्शन का रिस्क बढ़ जाता है.

हेयर लॉस से रोकथाम – how can i prevent hair loss in hindi

  • बालों के अन्य लॉस को रोकने के लिए कई चीज़े की जा सकती है.
  • जैसे टाइट हेयरस्टाइल, ब्रेड, पॉनीटेल या बर्न से बालों पर ज्यादा प्रेशर पड़ सकता है.
  • लंबे समय तक इस तरह की हेयरस्टाइल से हेयर फॉलिकल्स को नुकसान होता है.
  • संतुलित भोजन खाना चाहिए और आयरन और प्रोटीन की अच्छी मात्रा लें.
  • इसके अलावा कुछ चीज़े बालों को नुकसान पहुँचा सकती है जैसे हेयर ड्रायर, गर्म कंगी, स्ट्रैटनर, बाल कलर करना आदि बालों को नुकसान पहुँचा सकते है.

अंत में

नियमित इलाज व रोकथाम के साथ आप हेयर लॉस की स्थिति को ठीक कर सकते है. अनुवांशिक रूप से हेयर लॉस की स्थिति को ठीक करने में परेशानी हो सकती है. लेकिन कुछ हेयर ट्रांसप्लांट से गंजेपन को ठीक किया जा सकता है.

किसी और समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से सलाह ली जानी चाहिए.

References –

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