हमें फार्ट या कहे पाद क्यों आते है? – Why do we fart in hindi

पेट में गैस बनने के बाद उसके गुदा के जरिए निकलने को पाद कहा जाता है. यह एक ऐसी स्थिति है जिसका अनुभव हर कोई कभी न कभी करता ही है.

पादने के दौरान हमारे इंटेस्टाइन से गैस रिलीज होती है जो भोजन के पाचन के दौरान बनती है. गैस हमारे पाचन तंत्र में पेट, छोटी इंटेस्टाइन, कोलन और रेक्टम में बनती है.

हमारे शरीर में गैस बनने के कारण पाद आते है जिसके निम्न कारण होते है –

  • हवा निगलने – पूरे दिन के दौरान हम हवा निगलते है उदाहरण के लिए कार्बोनेटिड ड्रिंक्स या कुछ भी चबाने के दौरान हवा को साथ साथ निगलना.
  • छोटी इंटेस्टाइन में बैक्टीरिया – कई कंडीशन जैसे बैक्टीरिया का ज्यादा विकास होना, टाइप 2 डायबिटीज़, सीलिएक रोग, लिवर रोग और इंफ्लामेटरी बाऊल रोग.
  • डाइजेस्ट न होने वाले कार्ब्स – छोटी इंटेस्टाइन में मौजूद एंजाइम के कारण फ़ूड डाइजेस्ट नही हो पाता है. जब थोड़ा बहुत डाइजेस्ट कार्ब्स कोलन तक पहुँचते है तो बैक्टीरिया उस भोजन को हाइड्रोजन और कार्बन डाइऑक्साइड गैस में बदल देता है.

इस तरह की गैस को हमारे शरीर में कही न कही जाना होता है. जिसमें से कुछ को शरीर द्वारा अवशोषित कर लिया जाता है लेकिन कोलन के ऊपरी भाग में बहुत अधिक गैस बनने पर कोलन वॉल पर प्रेशर पड़ता है जिससे आपको पेट में दर्द या चेस्ट में दर्द महसूस होता है. जबकि पाद के जरिए इस तरह की गैस बिना किसी दर्द के निकल जाती है.

किसी किसी को ज्यादा पाद क्यों आते है? – Why do i fart so much in hindi

कभी कभी आपको सामान्य से ज्यादा पेट फूलना या गैस बनना अनुभव हो सकता है. हमारे नैचुरल बॉडी रिएक्शन के कारण पाद आना हो सकता है या कुछ मामलों में यह किसी चिकित्सा स्थिति के कारण हो सकता है. निम्न फैक्टर इसे प्रभावित कर सकते है.

कुछ फ़ूड्स

  • राजमा से लेकर ब्रोकली या ब्रान तक लोगों को गैस बना सकते है.
  • हर किसी को एक फ़ूड अलग अलग प्रभाव डालता है.
  • अगर आपको पता है कि निम्न फ़ूड्स से आपको गैस की परेशानी होती है तो उनका सेवन सीमित कर दें.

प्रेगनेंसी

  • गर्भधारण करने के बाद शरीर में कई बदलाव होते है जिसमें से एक अधिक गैस बनना होता है.
  • यह शरीर में अधिक हार्मोन बदलाव के कारण होता है जिससे पाचन धीमा हो जाता है.
  • साथ ही इससे इंटेस्टाइन में अधिक गैस बनती है.

मासिक धर्म

  • पीरियड्स के दौरान कई हार्मोन बदलाव होते है.
  • जिसमें से एक पाचन तंत्र में बैक्टीरिया के कारण गैस बनना हो सकता है.

दिन का समय

  • गैस बनाने वाले फ़ूड्स और दिन के दौरान कई बार हवा निगलने से पेट फूलने की स्थिति बन सकती है.
  • इसके अलावा जब इंटेस्टाइन की मांसपेशियाँ जब उत्तेजित होती है तब पाद आते है.
  • जब हमारे मांसपेशियाँ मल को रेक्टम में पहुँचा (बाऊल मूवमेंट) रही होती है तब पाद आते है.
  • एक्सरसाइज या खांसने के दौरान गैस बनने की स्थिति ट्रिगर हो सकती है. 

मेडिकल कंडीशन

  • पाचन रोग के कारण गैस ज्यादा बनने की स्थिति होती है.
  • इंटेस्टाइन को प्रभावित करने वाली बैक्टीरियल ग्रोथ के कारण इंटेस्टाइनल गैस ज्यादा बनना हो सकता है.

ज्यादा पाद आने को कैसे कम करें? – How can i stop farting so much in hindi

  • गैस से बचाव के सबसे बेहतर तरीकों में से एक अपनी डाइट ठीक करना.
  • अगर आप लैक्टोज़ के प्रति असंवेदनशील है तो डॉक्टर आपको दूध आधारित प्रोडक्ट की सलाह दे सकते है.
  • पाचन को आसान बनाने के लिए लैक्टेज़ सप्लीमेंट की जरूरत पड़ सकती है.
  • गैस को कम करने के लिए कार्ब्स ड्रिंक्स का सेवन न करें.
  • दाल के प्रति संवेदनशील होने पर इन्हें छोटी मात्रा में खाएं.
  • अचानक से फाइबर का सेवन न बढ़ाएं, इससे गैस की समस्या हो सकती है.

गैस कब समस्या है? – When gas is a problem in hindi

सामान्य रूप से बात करें तो औसतन एक व्यक्ति दिन में 15 बार पादता है, हो सकता है कि आप इससे काफी कम या बहुत कम पादते हो. लेकिन जब आप नींद में होते है तब आपको इसका पता नही होता है क्योंकि गैस रिलीज बहुत ही माइनर होता है.

लेकिन अगर आपको पेट फूलना की स्थिति बहुत अधिक रहती है तो आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए. इसके अलावा पेट में ऐंठन, पेट फूलना या अन्य लक्षण और स्थितियाँ जैसे ईर्रिटेबल बाऊल सिंड्रोम, क्रोहन रोग, सिलीएक रोग, लैक्टोज़ असंवेदनशीलता और पेप्टिक अल्सर आदि पेट में ज्यादा गैस बनने के लक्षणों में से एक है.

References –

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