इस लेख में आप जानेंगे फ़ूड पॉइजनिंग क्या होती है, लक्षण, कारण, ट्रांसमिशन, रिस्क फ़ैक्टर, निदान, इलाज, डाइट और बचाव –

फ़ूड पॉइजनिंग क्या होती है? – what is food poisoning?

  • भोजन से होने वाली बीमारी जिसे फ़ूड पॉइजनिंग कहा जाता है.
  • इसके होने का कारण दूषित, सड़ा हुआ या टॉक्सिक फ़ूड के सेवन से होता है.
  • इसके सामान्य लक्षणों में मतली, उल्टी और दस्त होते है.

फ़ूड पॉइजनिंग के लक्षण क्या है? – what are the symptoms of food poisoning?

  • शरीर में फ़ूड पॉइजनिंग होने पर इसका पता न लग पाना बहुत कठिन है.
  • इसके लक्षण इंफेक्शन के प्रकार पर निर्भर करता है.
  • फ़ूड पॉइजनिंग होने के इंफेक्शन के आधार पर लक्षण दिखने में 1 घंटे से लेकर 28 दिन तक लग सकते है.

सामान्य लक्षण

  • दस्त
  • उल्टी
  • मतली
  • सिरदर्द
  • भूख न लगना
  • पेट की ऐंठन
  • हल्का बुखार
  • कमजोरी

जान की हानि करने वाले लक्षण

  • 3 दिन से अधिक समय तक दस्त का रहना
  • 101.5 फेरानाइट से अधिक बुखार रहना
  • बोलने या देखने में परेशानी
  • पेशाब में खून आना
  • मुंह सूखना
  • डिहाइड्रेशन

फ़ूड पॉइजनिंग के कारण क्या है? – what causes food poisoning?

पैरासाइट

  • पैरासाइट के कारण होने वाली फ़ूड पॉइजनिंग अन्य दूसरे प्रकार से अलग होती है.
  • भोजन के जरिए पैरासाइट का फैलना बहुत कठिन होता है.
  • पैरासाइट से होने वाली फ़ूड पॉइजनिंग के मामलों में टॉक्सोप्लाज़मा होता है.
  • यह पाचन तंत्र में कई सालों तक रह सकते है.
  • हालांकि, कमजोर इम्यून सिस्टम और गर्भवती महिलाओं को इसके गंभीर साइड इफेक्ट का सामना करना पड़ सकता है.

वायरस

  • नोरोवायरस को वायरस के कारण होने वाली फ़ूड पॉइजनिंग के अधिकांश मामलों में देखा जाता है.
  • इसके अलावा रोटावायरस, सापोवायरस, एस्ट्रोवायरस के लक्षण भी एक जैसे होते है.
  • हैपाटाइटिस ए वायरस गंभीर कंडीशन है जो भोजन से फैल सकती है. 

बैक्टीरिया

  • अधिकांश मामलों में बैक्टीरिया को फ़ूड पॉइजनिंग का कारण माना जाता है.
  • ई. कोली, लिस्टेरिया और सालमोनेला इसके कुछ प्रकार है.

भोजन दूषित कैसे होता है?

  • मानवों द्वारा खाएं जाने वाले भोजन में पैथोजेन पाया जाता है.
  • हालांकि, भोजन के पकने के दौरान यह मर जाते है.
  • कच्चे भोजन को खाना फ़ूड पॉइजनिंग के मुख्य कारणों में से एक माना जाता है.
  • भोजन पकाने वाले व्यक्ति के ठीक से हाथ न धोने आदि के कारण भी संक्रमण फैल सकता है.
  • मांस, अंडे आदि काफी अधिक बार दूषित होते है.
  • बिना फिल्टर वाला पानी भी आपको बीमार कर सकता है.

फ़ूड पॉइजनिंग का रिस्क किसको है? – who is at the risk for food poisoning?

  • फ़ूड पॉइजनिंग किसी को भी हो सकती है, जबकि आंकड़ों के अनुसार यह जीवन में एक बार सभी को होता है.
  • इसके अलावा जिन लोगों को कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों या ऑटो इम्यून रोगियों को इंफेक्शन का रिस्क अधिक होता है.
  • गर्भवती महिलाओं को शरीर में परिवर्तन के कारण उनको इसके होने का रिस्क बढ़ जाता है.
  • व्यस्कों की तुलना में बच्चों को भी इसका रिस्क अधिक होता है.
  • युवा बच्चों को पानी की कमी के कारण आसानी से उल्टी, दस्त हो जाते है.

फ़ूड पॉइजनिंग का निदान कैसे होता है? – how is food poisoning diagnosed?

  • लक्षणों के आधार पर फ़ूड पॉइजनिंग के प्रकार का निदान होता है.
  • गंभीर मामलों में ब्लड टेस्ट, मल टेस्ट, आपके द्वारा खाए जाने वाला फ़ूड टेस्ट कर पता लगाया जाता है.
  • फ़ूड पॉइजनिंग के कारण हुई डिहाइड्रेशन का पता लगाने के लिए यूरिन टेस्ट भी किया जा सकता है.

फ़ूड पॉइजनिंग का इलाज कैसे होता है? – how is food poisoning treated?

  • इसका इलाज घर में किया जा सकता है और अधिकतर मामलों यह तीन से पांच दिन में ठीक हो जाता है.
  • फ़ूड पॉइजनिंग के मामलों में खुद के शरीर में पानी की कमी नहीं होने देनी चाहिए.
  • फ्रूट जूस, नारियल पानी आदि की मदद से कार्ब्स को रिस्टोर करने और थकान कम करने में मदद मिलती है.
  • कैफीन के सेवन से बचना चाहिए जिससे पाचन तंत्र को उत्तेजित होने से बचाया जा सके.
  • पेट खराब होने के मामलों में पुदीना, कैमोमाइल आदि हर्ब्स की चाय ली जा सकती है.
  • डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाएं लेकर भी इसका इलाज किया जा सकता है.
  • फ़ूड पॉइजनिंग वाले लोगों को ठीक से रेस्ट लेना जरूरी है.
  • गंभीर मामलों में तुरंत मेडिकल सहायता लेनी चाहिए जिसके दौरान सूई के माध्यम से फ्लूइड दिया जाता है.
  • जबकि अति गंभीर मामलों में लोगों को रिकवर होने में बहुत ज्यादा समय लगता है.

डाइट

क्या खाएं

  • उल्टी और दस्त के होते रहने के मामलों में ठोस भोजन खाने से बचें.
  • जबकि उल्टी और दस्त बंद होने पर आप रेगुलर डाइट पर लौट सकते है.
  • आप ओटमील, उब्ली हुई सब्जियां, बिना कैफीन का सोडा, फलों की जूस, चावल, केला, आदि खाए जा सकते है.

क्या खाने से बचें

  • पेट खराब होने से बचाव करने के लिए ठोस भोजन खाने से बचें.
  • जैसे फैटी फूड, दूध, चीज, तीखा भोजन, तला हुआ भोजन, हाई शुगर वाला भोजन जिनको पचाने में कठिनाई होती है खाने से बचें.
  • शराब, निकोटिन, कैफीन आदि के सेवन से बचें.

फ़ूड पॉइजनिंग से बचाव कैसे करें – how can food poisoning be prevented?

  • इसके लिए जरूरी भोजन की सुरक्षा और किसी भी असुरक्षित भोजन के सेवन से खुद का बचाव करना.
  • कुछ भोजन जैसे अंडे, मांस आदि की बनावट का कारण फ़ूड पॉइजनिंग होती है.
  • हालांकि डॉक्टरों का मानना है कि इसे पका कर ठीक किया जा सकता है.
  • इसके अलावा फिश प्रोडक्ट, कई जानवरों का मांस, कच्चे फल, सब्जियां आदि.

अंत में

फ़ूड पॉइजनिंग होना काफी असहज हो सकता है लेकिन अच्छी बात यह है कि इससे पूरी तरह रिकवर होने में 48 घंटे का समय लगता है. 

References –

 

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