आज इस लेख में हम आपको बताने वाले है नैचुरल रूप से पिंपल्स से छुटकारा कैसे पाया जाएं या मुँहासों के घरेलू उपचार –

मुँहासों के लिए घरेलू उपचार – Home remedies for pimples in hindi

एलोवेरा से मॉइस्चराइज़

  • यह एक पौधा होता है जिसके पत्तों से जेल निकलता है.
  • इसे स्कीन पर लगाने से बैक्टीरिया से लड़ने, इंफ्लामेशन कम करने और घाव भरने में मदद मिलती है.
  • इसे कई प्रकार की स्किन कंडीशन जैसे सोरायसिस, रैश, कटना और जलन में उपयोग किया जाता है.
  • एलोवेरा में मौजूद तत्व मुँहासों को कम करने में कारगर होते है.
  • एलोवेरा जेल मुँहासों को साफ करने में कारगर है लेकिन इसे दूसरी दवा आदि के साथ भी उपयोग कर लाभ उठाया जा सकता है.

मुँहासों के लिए एलोवेरा का उपयोग

  • चम्मच की मदद से एलोवेरा के पत्ते से जेल को निकाल लें.
  • दूसरे ट्रीटमेंट के साथ ही इसे स्कीन पर लगाया जा सकता है.
  • इसके अलावा अन्य उपचार के साथ इसे मिक्स करके भी इस्तेमाल किया जा सकता है.
  • लेकिन दूसरे उपाय को लगाने के बाद ऊपर से एलोवेरा जेल को लगाया जा सकता है.
  • इसे दिन में 1 से 2 बार दोहराया जा सकता है.   

टी ट्री ऑयल

  • इसे बैक्टीरिया से लड़ने और त्वचा की इंफ्लामेशन को कम करने में मदद करती है.
  • टी ट्री ऑयल में मौजूद तत्व मुँहासों के लिए जिम्मेदार बैक्टीरिया से लड़ते है.
  • इसके अलावा टी ट्री ऑयल का उपयोग ड्राइनेस, जलन आदि समस्याओं में भी लाभ देती है.
  • सबसे ज्यादा ध्यान रखने वाले बात यह है कि टी ट्री ऑयल को सीधे त्वचा पर लगाने से जलन या स्कीन लाल होना हो सकता है.
  • इसे लगाने से पहले किसी दूसरे ऑयल या थोड़े पानी में मिला लेना चाहिए.

मुँहासों के लिए टी ट्री ऑयल का उपयोग

  • 1 बूँद तेल में 9 बूँद पानी मिलाएं.
  • इस मिक्सचर में कॉटन (रूई) का छोटा से टुकड़ा लेकर अपने मुँहासे पर लगाएं.
  • जरूरत लगने पर मॉइस्चर भी लगा सकते है.
  • इसे जरूरत के अनुसार दिन में एक या दो बार लगाया जा सकता है.

त्वचा पर ग्रीन टी का उपयोग

मुँहासों के लिए ग्रीन टी का उपयोग

  • ग्रीन टी को उबलते हुए पानी में 3 से 4 मिनट के लिए डालें.
  • इसके बाद चाय को ठंडा होने दें.
  • इसके बाद इसे कॉटन के उपयोग से चेहरे पर लगाया जा सकता है.
  • स्प्रे बॉटल का उपयोग कर चेहरे पर लगाया जा सकता है.
  • इसे 10 मिनट तक लगाए रखें या रात को सोने से पहले लगा सकते है.
  • जिसके बाद मुँह को सादा पानी से धो लें.
  • इसे दिन में 1 से 2 बार अपनी जरूरत के अनुसार किया जा सकता है.
  • साथ ही इसे फ्रिज में 2 हफ्तों तक के लिए स्टोर भी कर सकते है.

अन्य जरूरी ऑयल

  • टी ट्री ऑयल के अलावा अन्य ऑयल मे भी एंटीबैक्टीरियल और एंटीइंफ्लामेटरी गुण होते है.
  • अध्ययनों में देखा गया है कि दालचीनी, गुलाब, लैवेंडर और क्लोव के ऑयल में मुँहासों से लड़ने की क्षमता होती है. 
  • लेकिन ध्यान रखने वाली बात यह है कि इन ऑयल को सीधे स्कीन पर लगाने से जलन आदि हो सकती है. 

मुँहासों के लिए जरूरी ऑयल का उपयोग

  • 1 बूँद तेल में 9 बूँद पानी मिलाएं.
  • इस मिक्सचर में कॉटन (रूई) का छोटा से टुकड़ा लेकर अपने मुँहासे पर लगाएं.
  • जरूरत लगने पर मॉइस्चर भी लगा सकते है.
  • इसे जरूरत के अनुसार दिन में एक या दो बार लगाया जा सकता है.

नैचुरल रूप से पिंपल्स से छुटकारा कैसे पाएं? – How to get rid of pimples naturally in hindi?

कई तरह के घरेलू उपचार का लंबे समय तक उपयोग काफी प्रभावी होता है. नीचे बताएं गए उपचार जल्दी से छुटकारा नही दिलाएंगे लेकिन यह मुँहासों की रोकथाम और समय के साथ मुँहासों को भरने में मदद करेंगे.

फिश ऑयल सप्लीमेंट

जिंक सप्लीमेंट

  • इसे लेने से घाव को भरने और इंफ्लामेशन को कम करने में मदद मिलती है.
  • इस कारण जिंक को मुँहासों के उपचार के रूप में जाना जाता है.
  • रिसर्च के अनुसार, साफ स्कीन वाले लोगों की तुलना में मुँहासे से पीड़ित लोगों के अंदर जिंक के लेवल कम होते है.

इसके सेवन से पहले डॉक्टर से सलाह ली जानी चाहिए. उनके द्वारा बताई गई मात्रा के आधार पर इसका इलाज करना चाहिए.

मुँहासे कम करने के अन्य तरीके – other ways to help reduce pimples in hindi

इसका इस्तेमाल लोगों द्वारा कई वर्षों से किया जा रहा है. मुँहासे कम करने के अन्य तरीके –

  • तनाव कम करने – लाइफस्टाइल बदलाव के साथ तनाव के स्तर को कम करके पिंपल्स कम होते है.
  • सेब का सिरका – इसमें मौजूद तत्व कई समस्याओं में लाभ देते है.
  • विच हैज़ल – इसे स्कीन पर लगाने से मुँहासों के साथ बैक्टीरिया और इंफ्लामेशन कम होती है.
  • शहद और दालचीनी मास्क – इसमें एंटीऑक्सीडेंट होने का अलावा एंटीबैक्टीरियल और एंटी इंफ्लामेटरी गुण होते है जो स्कीन को कई लाभ देते है.

अंत में

यह एक इस प्रकार की स्थिति है जो लगभग हर किसी इंसान को अपनी जिंदगी में कभी न कभी परेशान करती है. इसके लक्षण मुँहासे या पिंपल्स होते है जो लंबे समय तक जाते नही है.

इसका पारंपरिक इलाज काफी प्रभावी होती है लेकिन उसके कुछ दुष्प्रभाव हो सकते है जैसे स्कीन पर जलन और सूखापन आदि.

जिस कारण बहुत से लोग मुँहासे के प्राकृतिक और घरेलू उपचार लेना पसंद करते है.

मुँहासों की समस्या का बना रहना काफी परेशानी दे सकता है. पारंपरिक उपचारों में लाल होना, जलन हो सकता है. इन्हें तभी लेना चाहिए जब तक कोई दूसरा विकल्प न हो. इसके अलावा समस्या ज्यादा गंभीर होने पर डॉक्टर से सलाह ली जानी चाहिए.

References –

Share: