इस लेख में आप जानेंगे मानसिक हेल्थ क्या है, कारण, लक्षण, निदान, इलाज, एक्सरसाइज, रिकवरी और जागरूकता –

मानसिक स्वास्थय क्या होता है? – what is mental health?

  • भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक समग्रता को मानसिक स्वास्थ के रूप में जाना जाता है.
  • अच्छी मानसिक हेल्थ से आपको खुशहाल और हेल्दी जीवन जीने में मदद मिलती है.
  • इससे आपको जीवन में बड़ी से बड़ी परेशानी से लड़ने और सामना करने में मदद मिलती है.
  • आपका मानसिक स्वास्थ कई सारे फ़ैक्टर पर निर्भर करता है जिसमें जीवन की घटनाएं और जेनेटिक्स शामिल है.

ऐसी काफी सारी टिप्स है जो आपके मानसिक हेल्थ को अच्छा रखने में मदद करती है –

  • पूरी नींद लेना
  • हेल्दी डाइट का सेवन
  • दूसरे लोगों की मदद
  • शारीरिक रूप से एक्टिव रहना
  • पॉजिटिव सोच रखना
  • जरूरत पड़ने पर प्रोफेशनल मदद लेना
  • परेशानियों से लड़ने के लिए प्रभावी स्किल का उपयोग
  • अपने पसंदीदा लोगों के साथ घूलना मिलना

मानसिक रोग क्या होता है? – what is mental illness?

  • यह काफी सारी कंडीशन को दर्शाने वाला शब्द है जिसमें कई प्रकार जो आपको सोचने और महसूस करने के तरीके को प्रभावित करते है.
  • साथ ही इससे आपको रोज़मर्रा के जीवन की क्षमता भी प्रभावित होती है.
  • मानसिक रोगों के कई फ़ैक्टर हो सकते है जिसमें बायोलॉजी, रोजाना की आदतें, वातवरण, जेनेटिक्स शामिल है.

मानसिक डिसऑर्डर

सोशल एंग्जायटी डिसऑर्डर

  • कुछ मामलों में इसे सोशल फोबियां भी कहा जाता है जिसके दौरान सोशल स्थितियों में गंभीर डर महसूस होता है.
  • इस कंडीशन से ग्रसित लोग लोगों के अपने आसपास होने पर बेचैन होकर घबराहट महसूस करने लगते है.
  • जिससे नए लोगों से मिलने या किसी सोशल रूप से जमा लोगों में जाने में मुश्किल होती है.

मेजर डिप्रेसिव डिसऑर्डर

  • इस कंडीशन के दौरान अधिक उदासीनता या आशा खो देना हो सकता है जो कम से कम दो हफ्तों तक रहता है.
  • इस कंडीशन को क्लीनिकल डिप्रेशन भी कहा जाता है.
  • कंडीशन से ग्रसित लोग इतने उदास हो सकते है कि वह अपने जीवन को खत्म करने के बारे में भी सोच सकते है. (जानें – आत्महत्या के विचारों से लड़ने के तरीके)

परसिस्टेंट डिप्रेसिव डिसऑर्डर

  • यह क्रोनिक प्रकार का डिप्रेशन होता है जिसे डिसथायमिया भी कहा जाता है.
  • डिप्रेशन का यह प्रकार तीव्र नहीं होता, लेकिन रोजाना के जीवन में दखल दे सकता है.
  • इससे पीड़ित लोगों द्वारा कम से कम दो सालों तक कंडीशन के लक्षणों का अनुभव होता है.

मनोग्रसित-बाध्यता विकार (ओसीडी)

  • इसके कारण पीड़ित को बार बार एक प्रकार के विचार लगातार आते रहते है.
  • इस तरह के विचार गैर जरूरी कारण आदि के साथ विशेष व्यवहार या मजबूरियों का कारण बनते है.
  • ओसीडी वाले कई लोग अपने विचार और एक्शन को गैर जरूरी मानते है.

पोस्ट-ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर

  • किसी ट्रॉमेटिक घटना का सामना या अनुभव करने पर ट्रिगर होने वाली मानसिक रोग को पोस्ट-ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर कहा जाता है. (जानें – नींद संबंधी विकारों के बारे में)
  • घटना किसी भी प्रकार की हो सकती है जिसके कारण यह अनुभव हो सकता है.
  • इसके लक्षणों में फ्लैशबेक या आसानी से फिर से शुरू होना होता है.

जेनरलाइज्ड एंजायटी डिसऑर्डर

  • यह रोजाना होने वाली घबराहट (दफ्तर में कोई प्रीजेंटेशन देने से पहले) से अधिक होता है.
  • इसके कारण व्यक्ति किसी छोटे या बिना कारण के चीज़ों को लेकर अधिक गंभीर रूप से सोचने लगता है.
  • ऐसे लोग दिन के गुजरने के दौरान काफी बेचैन होने लगते है.
  • जिससे उन्हें रोज़मर्रा के काम करने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.

सिजोफ्रेनिया

  • इस कंडीशन में व्यक्ति का सच्चाई और उनके आसपास की दुनिया को लेकर धारणाओं में दोष आ जाता है.
  • इससे उनका दूसरे लोगों के साथ कनेक्शन में हस्तक्षेप हो सकता है.
  • यह गंभीर कंडीशन होती है जिसमें इलाज की जरूरत पड़ती है.
  • रोगी को इस कंडीशन के दौरान आवाज सुनना, मतिभ्रम आदि हो सकता है.
  • इलाज न मिलने पर कंडीशन गंभीर हो सकती है.

बाइपोलर डिसऑर्डर

  • इसे क्रोनिक मानसिक विकार माना जाता है जो दुनियाभर में लोगों को प्रभावित करती है.
  • इसे अचानक से काफी ज्यादा हाई एनर्जी वाले या कभी कभी बिल्कुल लो अवसाद पूर्ण एपिसोड के रूप में विशेषित किया जाता है.
  • इससे व्यक्ति के एनर्जी लेवल और यथोचित सोचने की क्षमता प्रभावित होती है.
  • रोजाना लोगों द्वारा छोटे उतार चढ़ाव की तुलना में बाइपोलर विकार के कारण होने वाले मूड स्विंग्स काफी गंभीर होते है.

मानसिक रोग से मुकाबला

  • इलाज न किए जाने पर काफी सारे मानसिक रोग के लक्षण खराब हो सकते है.
  • किसी को मानसिक रोग होने पर मनोवैज्ञानिक मदद दी जानी चाहिए.
  • अगर आपको नहीं पता कि कहां से शुरू करना है तो प्राइमरी केयर डॉक्टर से संपर्क करें.
  • मानसिक रोग होने पर इसे दूर किया जा सकता है और जीवन में खुशहाली वापस लाई जा सकती है.
  • अपनी कंडीसन को मैनेज करने के लिए डॉक्टर से संपर्क कर जानकारी लें.

मानसिक हेल्थ के लक्षण

  • ठीक से भोजन न करना या ओवरइटिंग
  • अनिद्रा या बहुत अधिक सोना
  • पूरी नींद के बाद भी थकान रहना
  • सुन्न महसूस करना
  • लोगों से खुद को दूर करना
  • स्मोकिंग, शराब आदि नशे की लत लगना
  • भ्रम, गुस्सा, उदासीनता, घबराहट, चिड़चिड़ापन
  • दोस्तों या परिवार से लगातार बहस करना
  • सिर में आवाज आना
  • खुद को नुकसान पहुंचाने वाले विचार आना
  • कुछ विचारों का लौट फिर के आते रहना
  • रिलेशनशिप समस्या के कारण बहुत तीव्र मूड स्विंग्स
  • कोई आशा महसूस न करना
  • रोज़मर्रा के कामों को करने में परेशानी

किशोरो में मानसिक स्वास्थ के संकेत और लक्षण

  • खुद पर विश्वास न होना
  • अधिक नींद लेना
  • अपने पसंदीदा कामों में रूचि न रहना
  • अचानक पढ़ाई में प्रदर्शन खराब होना
  • भूख में बदलाव
  • वजन घटना
  • व्यक्तित्व में बदलाव जैसे गुस्सा या आक्रामकता आना 

मानसिक हेल्थ का निदान

  • इसका निदान करना एक मल्टी स्टेप प्रक्रिया है.
  • जिसमें सबसे पहली डॉक्टर की अपॉइंटमेंट पर शारीरिक जांच की जाती है जिसमें शारीरिक समस्या के संकेत और लक्षणों में योगदान देने वाले कारकों को देखा जाता है.
  • कुछ डॉक्टर लैब टेस्ट करवा सकते है जिससे कारणों का पता लगाया जा सके.
  • इसके अलावा डॉक्टर द्वारा मेंटल हेल्थ सावल जवाब किए जा सकते है. (जानें – सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर के बारे में)
  • मानसिक हेल्थ के लक्षण एक से दूसरे व्यक्ति में अलग होते है जिसका निदान करने में कुछ अपॉइंटमेंट लग सकते है.

मानसिक हेल्थ का इलाज

  • इसका कोई एक इलाज सभी के लिए नहीं होता है और साथ ही जरूरी नहीं कि हर कोई ठीक हो सके.
  • इलाज का लक्ष्य लक्षणों को कम करके, अंतर्निर्हित कारणों को जानकर कंडीशन को मैनेज किया जाता है.
  • इसके इलाज में मल्टी एंगल अप्रोच का उपयोग किया जा सकता है.  

सबसे आम मेंटल हेल्थ इलाज में –

  • दवाएं
  • साइकोथेरेपी
  • लाइफस्टाइल और घरेलू उपाय
  • अस्पताल या घर में इलाज
  • मेंटल हेल्थ थेरेपी

मेंटल हेल्थ एक्सरसाइज

  • शारीरिक एक्सरसाइज शरीर के लिए बेहतर ऑप्शन है.
  • इसमें आप दौड़ना, वाल्क करने, डांस करना, जॉगिंग कर सकते है जिससे कार्डियों ताकत को मजबूत करने में मदद मिलती है.
  • शांत करने वाले म्यूजिक सुन सकते है.
  • योगा किया जा सकता है.

अंत में

मानसिक हेल्थ समस्या से ग्रसित लोगों को इलाज से लाभ मिलता है. कुछ मानसिक समस्याएं क्रोनिक और रहने वाली होती है जिनको सही दवाओं आदि के साथ मैनेज किया जा सकता है. (जानें – डिप्रेशन से कैसे लड़ें)

कुछ मामलों में इलाज जैसे दवाएं को नियमित रूप से लेना पड़ता है. रिकवर करने के मामले एक से दूसरे व्यक्ति में अलग होते है.

References –

 

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