इस लेख में आप जानेंगे सैचुरेटेड फ़ैट क्या होता है, क्या यह अनहेल्दी होता है, हार्ट की हेल्थ पर प्रभाव और हेल्दी डाइट –

सैचुरेटेड फ़ैट क्या है? -what is saturated fat?

  • फ़ैट ऐसे कंपाउंड होते है जो मानव की हेल्थ के कई पहलुओं में अहम भूमिका निभाते है.
  • इन्हें तीन केटेगरी में बांटा जा सकता है – सैचुरेटेड, अनसैचुरेटेड और ट्रांस फ़ैट.
  • सभी फ़ैट कार्बन, हाइड्रोजन और ऑक्सिजन जैसे अणुओं से बने होते है.
  • सैचुरेटेड फ़ैट हाइड्रोजन अणुओं के साथ सैचुरेटेड होती है और कार्बन अणुओं के बीच केवल एकल बंधन होते है.
  • वहीं दूसरी ओर अनसैचुरेटेड फ़ैट में कार्बन अणुओं के बीच कम से कम एक डबल बंधन होते है.
  • हाइड्रोडन अणुओं की इस सैचुरेशन के परिणामस्वरूप कमरे के तापमान पर भी सैचुरेटेड फ़ैट ठोस हो जाते है.
  • वहीं अनसैचुरेटेड फ़ैट जैसे ऑलिव ऑयल कमरे के तापमान पर भी तरल रहती है.
  • हमेशा याद रखें कि सैचुरेटेड फ़ैट के कई प्रकार होते है जो उनकी कार्बन चैन की लंबाई (छोटी, बड़ी, बहुत लंबी फैटी एसिड चैन) के हेल्थ पर अलग प्रभाव होते है.
  • सैचुरेटेड फ़ैट – दूध, चीज़, मांस के अलावा ट्रॉपिकल ऑयल जैसे नारियल तेल और ताड़ का तेल आदि में मिलता है.
  • सैचुरेटेड फ़ैट को खराब फ़ैट मानकर इन्हें ट्रांस फ़ैट के साथ ग्रुप किया जाता है.
  • ट्रांस फ़ैट को हेल्थ समस्याओं का कारण माना जाता है.
  • कई दशकों से हेल्थ ऑर्गनाइजेशनों द्वारा सैचुरेटेड फ़ैट का सेवन कम से कम रखकर उनके स्थान पर हाई प्रोसेस वेजीटेबल ऑयल जैसे कैनोला ऑयल लेने की सलाह देते है जिससे पूरे हेल्थ को अच्छा करने समेत हार्ट रोग के रिस्क को कम करता है.
  • मोटापा, टाइप 2 डायबिटीज के अलावा हाई कार्ब और प्रोसेस्ड फ़ूड्स के कारण भी हार्ट रोग का रिस्क बढ़ जाता है.

क्या सैचुरेटेड फ़ैट अनहेल्दी होता है?

  • रिसर्च के अनुसार हाई सैचुरेटेड फ़ैट की मात्रा वाले कुछ फ़ूड्स के प्रतिकूल प्रभाव डालते है.
  • उदाहरण के लिए – फ़ास्ट फ़ूड्स, तले हुए भोजन, शुगरी वाले बेकड और प्रोसेस्ड मांस आदि में सैचुरेटेड फ़ैट हाई होते है जो हेल्थ पर खराब असर डालते है.
  • इसके अलावा फुल फ़ैट वाले डेयरी, नारियल आदि जैसे सैचुरेटेड फ़ैट लाभ देते है.
  • व्यक्ति को डाइट को संपूर्ण लेने के स्थान पर माइक्रोन्यूट्रिएंट पर फोकस करना चाहिए.
  • लाइफ़स्टाइल और जेनेटिक्स संस्करण भी जरूरी रिस्क फ़ैक्टर होते है जो पूर्ण हेल्थ, डाइटरी जरूरत और रोगों के रिस्क को प्रभावित करते है.

सैचुरेटेड फ़ैट के हार्ट पर प्रभाव

  • सैचुरेटेड फ़ैट के सेवन को कम से कम रखने का कारण यह होता है क्योंकि इसके अधिक सेवन से हार्ट रोग समेत खराब कोलेस्ट्रोल के रिस्क बढ़ जाते है.
  • हालांंकि, यह साफ है कि सैचुरेटेड फ़ैट के कारण कुछ हार्ट रोग के रिस्क फ़ैक्टर बढ़ते है.
  • ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है जो बताए कि सैचुरेटेड फ़ैट सीधे हार्ट रोग रिस्क के कारण बनते है.
  • कई अध्ययनों के अनुसार, सैचुरेटेड फ़ैट से खराब एलडीएल कोलेस्ट्रोल बढ़ता है जो हार्ट रोग का रिस्क बढ़ाता है.
  • वहीं एचडीएल कोलेस्ट्रोल हार्ट के रोगों से बचाव करता है.

सैचुरेटेड फ़ैट को लेकर अन्य चिंताए

  • हार्ट रोगों पर इसके प्रभाव को लेकर सबसे अधिक रिसर्च की जाती है.
  • इंफ्लामेशन और मानसिक स्वास्थ की समस्या जैसे नाकारात्मक हेल्थ प्रभावों से भी सैचुरेटेड फ़ैट को जोड़ा जा सकता है.
  • कुछ अध्ययन बताते है कि मानसिक फंक्शन, भूख और मेटाबॉलिज़्म पर सैचुरेटेड फ़ैट के प्रतिकूल प्रभाव पड़ते है.
  • हेल्थ पर सैचुरेटेड फ़ैट के प्रभाव सभी पोषक तत्वों में विवाद का विषय है.
  • कुछ एक्सपर्ट के अनुसार, अधिक या मॉडरेट मात्रा में सेवन से समस्या हो सकती है.
  • अन्य का मानना है कि इसका कोई नुकसान नहीं होता है, इसे हेल्दी डाइट के रूप में देखना चाहिए.

हेल्दी डाइट के रूप में सैचुरेटेड फ़ैट

  • हाई सैचुरेटेड फ़ैट वाले भोजन को भी हेल्दी डाइट के रूप में लाभ उठाया जा सकता है.
  • नारियल प्रोडक्ट जैसे बिना मीठे वाले नारियल के फ्लैक्स, गाय या भैंस के दूध की दही आदि हाई पोषण से पूर्ण सैचुरेटेड फ़ैट के अच्छे उदाहरण है.
  • नारियल तेल का सेवन करने से अच्छे कोलेस्ट्रोल को बूस्ट करके वजन घटाने में प्रभावी माने जाते है.
  • वहीं दूसरी ओर सैचुरेटेड फ़ैट वाले प्रोसेस्ड फ़ूड्स के सेवन को मोटापा, हार्ट रोग समेत कई हेल्थ कंडीशन से लिंक किया जा सकता है.
  • रिसर्च की मानें तो बिना प्रोसेस वाले भोजन के सेवन से कई रोग जैसे मोटापा, हार्ट रोग समेत सही पोषक तत्वों के सेवन से कई हेल्थ कंडीशन में लाभ मिलता है.
  • कई दशकों की रिसर्च में यह भी जानने को मिला है कि रोग से बचाव करने वाली डाइट में साबुत फ़ूड्स, पोषक तत्वों में पूर्ण विशेषकर हाई फ़ाइबर वाले प्लांट फ़ूड्स फिर चाहे वह सैचुरेटेड फ़ैट में हाई ही क्यों न हों, लाभ देते है.
  • याद रखें कि आप किसी भी डाइटरी पैटर्न को फॉलों करे लेकिन सबसे जरूरी संतुलन और अनुकूलन न कि किसी चीज़ को बाहर करना.

अंत में

कई दशकों तक सैचुरेटेड फ़ैट को अनहेल्दी रूप में देखा जाता रहा है. हाल के रिसर्चों में देखने को मिला है कि पोषक तत्वों से पूर्ण हाई फ़ैट फ़ूड्स को हेल्दी डाइट के रूप में शामिल किया जा सकता है.

पोषक रिसर्च के दौरान व्यक्ति की माइक्रोन्यूट्रिएंट पर फोकस किया गया. वहीं रोगों से बचाव के लिए संपूर्ण हेल्थ और रोग से बचाव पर फोकस किया गया.

सबसे जरूरी कि किसी भी प्रकार की डाइटरी पैटर्न को फॉलों करने से पहले ध्यान रहें कि साबुत अनाज, बिना प्रोसेस वाले फ़ूड्स का सेवन करें. 

References –

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