इस लेख में आप जानेंगे विटामिन की कमी के सबसे आम संकेत जिनको लोग गंभीरता से नहीं लेते –

विटामिन की कमी – vitamin deficiency

स्किन पर लाल या सफेद बम्प्स

  • चिकन स्किन जिसे केराटोसिस पिलारिस के नाम से जाना जाता है.
  • इससे रोंगटे (गूजबम्प) जैसे उभार गाल, हाथ, जांघ या नितंब पर दिखाई देने लगते है.
  • उभार के साथ इनग्रोन हेयर आदि भी हो सकते है.
  • यह कंडीशन बचपन में होती है और बड़े होते है अपने आप ठीक हो जाती है.
  • इसके होने के कारण हेयर फॉलिकल्स में बहुत अधिक क्रिएटिन बनना होता है.
  • जिससे स्किन पर सफेद या लाल बम्प्स दिखने लगते है.
  • चिकन स्किन की समस्या में जेनेटिक्स घटक शामिल होता है.
  • इसके अलावा जो लोग लो विटामिन ए और सी डाइट लेते है उनमें भी यह समस्या देखने को मिलती है.

मुंह के छाले

  • मुंह के अंदर छाले या कटना, छिलना आदि को विटामिन या मिनरल के सही सेवन न करने से जोड़ा जाता है.
  • आयरन की कमी या विटामिन बी की कमी के परिणामस्वरूप मुंह के छाले हो सकते है.
  • एक छोटे अध्ययन में देखने को मिला है कि मुंह के छालों से ग्रसित लोगों में आयरन की कमी दोगुनी देखने को मिलती है.
  • वहीं एक दूसरे छोटे अध्ययन में देखने को मिला कि मुंह के छाले वाले रोगियों में विटामिन बी1, विटामिन बी2 और विटामिन बी6 की कमी देखने को मिलती है.
  • इसके लिए आपको आयरन रिच फ़ूड्स जैसे साबुत अनाज, सीड्स, नट्स, दाल, हरी पत्तेदार सब्जियां आदि का सेवन किया जा सकता है.

स्कैली पैच और डैंड्रफ

  • सेबोरिक डर्मेटाइटिस और डैंड्रफ शरीर के ऑयल बनाने वाले एरिया को प्रभावित करने वाले स्किन डिसऑर्डर है.
  • इन दोनों कंडीशन में स्किन पर पपड़ी पड़ना और खुजली होना होता है.
  • डैंड्रफ अधिकतर मामलों में सिर्फ खोपड़ी तक सीमित रहता है.
  • वहीं सेबोरिक डर्मेटाइटिस आपके चेहरे, चेस्ट के ऊपरी हिस्से, बगल और ग्रोइन में हो सकता है.
  • स्किन डिसऑर्डर होने के सबसे अधिक आसार जीवन के पहले तीन महीने, प्यूबर्टी और व्यस्क जीवन के बीच होते है.
  • इन दोनों कंडीशन के होने के कई फैक्टर हो सकते है जिसमे से एक खराब पोषक डाइट एक है.
  • शरीर में जिंक, विटामिन बी3, विटामिन बी2, विटामिन बी6 काफी अहम भूमिका निभाते है इनके लो लेवल होने पर समस्याएं देखने को मिलती है.

रात का अंधापन

  • पोषक तत्वों में खराब डाइट के कारण कभी कभी दृष्टि की समस्या हो सकती है.
  • उदाहरण के लिए विटामिन ए की कमी को रात का अंधापन से जोड़ा जाता है जिसमें लोगों को कम रोशनी या अंधेरे में देखने में परेशानी होती है.
  • इलाज न मिलने पर समस्या बढ़कर आंखों को नुकसान पहुंचा सकता है.
  • विटामिन ए की कमी को दूर करने के लिए विटामिन ए रिच फ़ूड्स का सेवन करना चाहिए.
  • जबकि विटामिन ए की कमी के लक्षणों में सिरदर्द, मतली, जोड़ों और हड्डियों में दर्द, स्किन समस्या समेत गंभीर मामलों में कोमा या मृत्यु तक हो सकती है.

हेयर लॉस

  • बालों का झड़ना काफी आम लक्षणों में से एक है.
  • आयु बढ़ने के साथ यह समस्या देखने को मिलती है.
  • बालों के झड़ने के कम करने के लिए पोषक तत्वों से भरपूर आहार मदद कर सकता है.
  • इन पोषक तत्वों में आयरन, जिंक, विटामिन बी3, बायोटिन, लिनोलेनिक एसिड और अल्फा-लिनोलेनिक एसिड शामिल है.
  • जबकि इन पोषक तत्वों से पूर्ण डाइट लेने से बालों के झड़ने को कम किया जा सकता है.

रेस्टलेस लेग सिंड्रोम

  • यह एक प्रकार की नर्व कंडीशन है जिसमें अनचाहे या अहज करने वाली पैरों में संवेदना होती है.
  • इसके अलावा जब कोई व्यक्ति आराम कर रहा होता है या नींद में होता है तो ऐसे में पैर हिलाने की जरूरत महसूस होती है.
  • कई सारे अध्ययनों में समस्या को आयरन की कमी से लिंक किया गया है.
  • इसके अलावा आयरन की कमी जैसे लक्षण दिखने पर आयरन सप्लीमेंट लेने से लाभ मिलती है.
  • सप्लीमेंट का प्रभाव एक से दूसरे व्यक्ति पर अलग होता है.
  • कुछ अध्ययनों में मैग्नीशियम की कमी को भी रेस्टलेस लेग सिंड्रोम में भूमिका निभाता देखा गया है.

मसूड़ों से खून निकलना

  • काफी बार खराब तरीके से ब्रश करने के कारण भी खून निकलने लगता है.
  • इसके अलावा विटामिन सी की कमी वाली डाइट के कारण भी यह समस्या हो सकती है.
  • शरीर में घावों को भरने और इम्यूनिटी को बेहतर करने में विटामिन सी अहम भूमिका निभाता है.
  • विटामिन सी एक एंटीऑक्सीडेंट के रूप में काम करते है जो शरीर से मुक्त कणों को दूर करता है.
  • हमारा शरीर विटामिन सी को खुद से नहीं बना पाता है इसलिए डाइट के जरिए सही लेवल बनाए रखना जरूरी है.
  • जो लोग ताजा फल और सब्जियों का सेवन करते है उन्हें विटामिन सी की कमी होना काफी रेयर होता है.
  • लंबे समय तक विटामिन सी की कमी वाली डाइट का सेवन करने से लक्षण देखने को मिल सकते है जिसमें मसूड़ों से खून आना और दांतों का नुकसान होना शामिल है.
  • शरीर में विटामिन सी की कमी के कारण इम्यून सिस्टम कमजोर, हड्डी और कमजोर मांसपेशी समेत थकान बने रहना हो सकता है.
  • अन्य विटामिन सी की कमी के लक्षण में आसानी से कटना, घाव को धीरे से भरना, सूखी स्कैली स्किन और बार बार नाक से खून बहना हो सकता है.

बाल और नाखून का पतला होना

  • इसके होने के कई सारे कारण हो सकते है जिसमें से एक बायोटिन की कमी को माना जाता है.
  • बायोटिन को विटामिन बी7 के रूप में भी जाना जाता है जो फ़ूड को एनर्जी में बदलने में मदद करती है.
  • कुछ सबसे ज्यादा नोटिस करने वाले बायोटिन की कमी के लक्षण बाल और नाखून पतले, जल्दी से टूटना आदि होता है. (जानें – नाखून पर सफेद स्पॉट के बारे में)
  • हालांकि, बायोटिन की कमी काफी रेयर है.
  • विटामिन बी7 की कमी के अन्य लक्षणों में थकान, मांसपेशियों में दर्द, ऐंठन, हाथ और पैर सुन्न होना आदि होता है.
  • गर्भवती महिलाएं, ज्यादा शराब और स्मोक करने वाले, समेत जिन लोगों को पाचन संबंधी विकार जैसे क्रोहन रिस्क आदि होता है उन्हें बायोटिन की कमी विकसित होने का रिस्क अधिक होता है.
  • लंबे समय तक एंटीबायोटिक और कुछ एंटी-सीजर दवाओं का उपयोग रिस्क फैक्टर को बढ़ा देता है.
  • कच्चे अंडे के सफेद भाग को खाने से बायोटिन की कमी हो सकती है.
  • बायोटिन रिच फ़ूड्स में डेयरी, बीज, पालक, ब्रोकली, फूलगोभी, केला, शकरकंद, साबुत अनाज आदि.
  • व्यस्क जिनको दो मुहे बाल या कमजोर नाखून की समस्या है उन्हें बायोटिन सप्लीमेंट से लाभ मिलता है.

अंत में

पोषक तत्वों से पूर्ण संतुलित डाइट खाने के कई लाभ होते है. वहीं डाइट में पोषक तत्वों की कमी के कारण कई अनचाहे लक्षण मिल सकते है.

यह लक्षण शरीर के संभावित विटामिन और मिनरल की कमी से लड़ने में मददगार होते है. इनका पता लगाकर डाइट में बदलाव किया जा सकता है.

अधिकांश मामलों में विटामिन और मिनरल की कमी का पता लगाकर उसी अनुरूप डाइट में फ़ूड्स को शामिल करके लक्षणों को कम या ठीक किया जा सकता है.

References –

 

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